किसान नेता राजू शेट्टी का दावा- 40 दिन बाद भी चीनी मिलनों ने किसानों को नहीं चुकाए 2005 करोड़

महाराष्ट्र की 129 चीनी मिलें गन्ना किसानों को 2,005 करोड़ रुपये का FRP नहीं चुका रही हैं. गडहिंगलाज में सोयाबीन की खेती 14,000 हेक्टेयर में होती है, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र नहीं खुले हैं. किसान तय कीमत 5,328 रुपये प्रति क्विंटल पर फसल बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 13 Dec, 2025 | 03:50 PM

Maharashtra News: किसान नेता राजू शेट्टी ने दावा किया कि गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के 40 दिन बाद भी महाराष्ट्र की 129 चीनी मिलें किसानों को 2,005 करोड़ रुपये का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) नहीं चुका रही हैं. उन्होंने 1 नवंबर को राज्य चीनी आयुक्त के कार्यालय को पत्र लिखा था कि इन मिलों से FRP वसूली जाए और किसानों को भुगतान किया जाए. 15 नवंबर तक मिलों ने 1.1 करोड़ टन गन्ना पेरा, जिसमें से केवल 34 मिलों ने 100 फीसदी FRP का भुगतान किया, जबकि 129 मिलों ने अभी भी भुगतान नहीं किया.

नियमों के अनुसार, गन्ना पेराई के 15 दिन के भीतर भुगतान करना अनिवार्य है. शेट्टी ने कहा कि सरकार ने मिलों को किस्तों में FRP देने की अनुमति दी थी, लेकिन हमने अदालतों में जाकर एकमुश्त भुगतान का अधिकार वापस दिलवाया. यह हर किसान का हक है कि उसे FRP एक साथ मिले, ताकि वह अगली फसल की तैयारी कर सके. इसके अलावा, शेट्टी के समर्थकों ने गडहिंगलाज उप-विभागीय कार्यालय के बाहर घेराव प्रदर्शन किया और सोयाबीन खरीद केंद्र  खोलने की मांग की.

14,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सोयाबीन की खेती

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गडहिंगलाज तहसील में 14,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सोयाबीन की खेती होती है. सरकार सोयाबीन को एक तय कीमत पर खरीदती है ताकि बाजार उसी लाइन का पालन करे. किसान उम्मीद करते हैं कि वे अपनी फसल सरकार को बेचें क्योंकि तय कीमत 5,328 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि निजी व्यापारी 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल में खरीद रहे हैं.

गडहिंगलाज में 2 लाख टन सोयाबीन का प्रोडक्शन

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ता राजेंद्र गद्यन्नवार ने कहा कि गडहिंगलाज में 2 लाख टन सोयाबीन पैदा  होती है. सरकार के अधिकारी गन्नी बैग की कमी का हवाला देकर खरीद केंद्र नहीं खोल रहे हैं. बाजार की कीमत उत्पादन लागत से बहुत कम है. खरीद केंद्र न होने के कारण किसान अपनी फसल सस्ते दाम में बेचने को मजबूर हैं. संरक्षक मंत्री प्रकाश अबितकर ने अधिकारियों से 15 नवंबर तक खरीद केंद्र खोलने को कहा था, लेकिन अभी तक कोई केंद्र शुरू नहीं हुआ है.

4756.14 लाख टन गन्ना उत्पादन का अनुमान

वहीं, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में कहा है कि पिछले पांच वर्षों में भारत में गन्ने का उत्पादन लगातार बढ़ता रहा है. लेकिन 2023-24 के जब इसमें थोड़ी गिरावट देखी गई थी. उन्होंने कहा कि देश में गन्ने का उत्पादन  2020-21 में 4053.99 लाख टन से बढ़कर 2024-25 में 4546.11 लाख टन हो गया, यानी इस अवधि में कुल 492.12 लाख टन की वृद्धि हुई. इसके अलावा,  कि 2025-26 के पहले अनुमान के अनुसार गन्ने का उत्पादन लगभग 4756.14 लाख टन रहने का अनुमान है.

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