ओडिशा में आलू के बीज की भारी किल्लत, किसान नहीं कर पा रहे समय पर बुवाई

केंद्रपाड़ा में आलू के बीजों की कमी से किसान परेशान हैं. हॉर्टिकल्चर विभाग और ओडिशा सीड कॉरपोरेशन की देरी से बुवाई प्रभावित हो रही है. सरकार सर्टिफाइड और सब्सिडी वाले बीज वितरित करेगी. 2025 रबी सीजन में आलू खेती का क्षेत्र 21,750 हेक्टेयर तक बढ़ाया जा रहा है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Nov, 2025 | 06:57 PM

Odisha News: ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में आलू के बीजों की गंभीर कमी ने किसानों के लिए बड़ी चिंता पैदा कर दी है. ऐसे में किसान समय पर आलू की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि गुणवत्ता वाले बीज न मिलने की वजह से उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि हॉर्टिकल्चर विभाग इस समस्या को हल करने में कोई पहल नहीं कर रहा. मजबूर किसानों का कहना है कि बीज की समस्या का हल निकालने के लिए तुरंत कोई ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिलिपुर गांव के आलू किसान रंधीर बेहरा ने कहा कि मैं अपनी नदी किनारे की दो एकड़ जमीन पर आलू उगाने की योजना बना रहा था, लेकिन अधिकारियों की तरफ से बीज न मिलने की खबर मेरे लिए झटका है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिले के हॉर्टिकल्चर अधिकारी समय पर बीज मुहैया कराने में कोई प्रयास नहीं कर रहे.

किसानों ने की हस्तक्षेप करने की मांग

सिंगिरी गांव के किसान परिखिता राउत ने कहा कि बुवाई के मौसम में गुणवत्ता वाले बीजों  की मांग बढ़ गई है, लेकिन कमी के कारण कई किसान महंगे और घटिया बीज खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. केंद्रपाड़ा के हॉर्टिकल्चर असिस्टेंट डायरेक्टर देवदास दत्ता ने कहा कि अभी तक ओडिशा सीड कॉरपोरेशन से कोई बीज नहीं मिला है. बीज मिलने के बाद उन्हें किसानों को वितरित किया जाएगा.

एक हेक्टेयर के लिए 15 क्विंटल बीज की जरूरत

दत्ता ने कहा कि विभाग ने तय किया है कि किसानों को सर्टिफाइड और सब्सिडी वाले बीज  42.25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिए जाएंगे, जिसमें 75 फीसदी सब्सिडी शामिल है. इस साल जिले में लगभग 700 हेक्टेयर नदी किनारे की जमीन में आलू की बुवाई होगी. एक हेक्टेयर के लिए 15 क्विंटल बीज की जरूरत होती है. विभाग किसानों को 375 हेक्टेयर के लिए बीज उपलब्ध कराएगा. सामान्यतः ज्यादातर किसान नवंबर के दूसरे से अंतिम सप्ताह में आलू बोते हैं. अक्टूबर में अनियमित बारिश की वजह से कई खेत अभी भी गीले हैं, इसलिए इस साल आलू के बीज नवंबर के अंतिम सप्ताह में बोए जाएंगे.

21,750 हेक्टेयर में होगी आलू की खेती

वहीं, पिछले महीने खबर आई थी कि ओडिशा सरकार 2025 के रबी सीजन में आलू की खेती  का क्षेत्र 21,750 हेक्टेयर तक बढ़ा रही है, जो पिछले साल के 12,374 हेक्टेयर से लगभग दोगुना है. सरकार का लक्ष्य राज्य को आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और पश्चिम बंगाल पर निर्भरता कम करना है. इसके लिए बीज वितरण और खेती के क्षेत्र दोनों को बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है.

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Published: 13 Nov, 2025 | 06:53 PM

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