Punjab Floods: पंजाब में आई भीषण बाढ़ के बाद अब हालात संभालने और पुनर्वास का काम शुरू हो गया है. प्रशासन ने बाढ़ से हुई तबाही का आकलन करना शुरू कर दिया है. पिछले करीब पंद्रह दिनों में आई बाढ़ से लाखों एकड़ में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं. इनमें धान, कपास, मक्का और गन्ने की फसलें शामिल हैं. अनुमान है कि करीब 3.60 लाख पशु, खासकर गाय-भैंस, और लगभग 18,000 मुर्गियां बाढ़ में मारी गई हैं. अधिकारियों का कहना है कि रावी और सतलुज नदी के रास्ते कई जानवर तेज बहाव में बहकर पाकिस्तान की तरफ भी जा सकते हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले धान की फसल ही 3,47,601 एकड़ में प्रभावित हुई है, जिसमें गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, कपूरथला और तरनतारन जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं, मंसा, फाजिल्का और मुक्तसर जिलों में कपास की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ये शुरुआती आंकड़े हैं. असली नुकसान का पता तो तब चलेगा जब विशेष गिरदावरी (फील्ड इंस्पेक्शन) की जाएगी. जिन किसानों के खेत अब भी पानी में डूबे हैं, उनके पास दोबारा धान बोने का समय नहीं बचा है. ऐसे में इस बार खरीफ सीजन में उन्हें कोई फसल नहीं मिल पाएगी. इसी कारण पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की है. सरकार चाहती है कि किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए.
किसानों को कितना मिलेगा मुआवजा
फिलहाल नियमों के तहत प्राकृतिक आपदा में फसल खराब होने पर सिर्फ 6,800 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिलता है. पंजाब सरकार इसमें अपनी तरफ से 8,200 रुपये जोड़कर कुल 15,000 रुपये प्रति एकड़ देती है. राज्य सरकार का कहना है कि उसके पास स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि है, लेकिन किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए केंद्र की अनुमति जरूरी है. इसी बीच, किसान संगठन भाकियू उग्राहन ने आज 16 जगहों पर प्रदर्शन किया. किसानों ने मांग की कि फसल नुकसान का जल्दी सर्वे किया जाए और प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा दिया जाए.
7,395 एकड़ में मक्का बर्बाद
शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, रूपनगर, कपूरथला, फाजिल्का और बरनाला में 7,395 एकड़ में मक्का की फसल को भी नुकसान हुआ है. इसके अलावा गुरदासपुर, होशियारपुर, अमृतसर और कपूरथला में 28,931 एकड़ में गन्ने की फसल प्रभावित हुई है. करीब 19,837 एकड़ में नींबू वर्गीय फल और सब्जियों जैसी अन्य फसलें भी खराब हो गई हैं. कहा जा रहा है कि जब बाढ़ से हुए व्यक्तिगत और सार्वजनिक ढांचे के नुकसान का आकलन कर रही दो केंद्रीय टीमों की राज्य के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात होगी, तब पंजाब सरकार एक व्यापक पुनर्वास पैकेज की मांग करेगी. साथ ही, सरकार फिर से यह अनुरोध दोहराएगी कि डिजास्टर रिलीफ फंड का इस्तेमाल किसानों को ज्यादा मुआवजा देने के लिए किया जा सके.