पंजाब में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि, कई जिलों में बासमती की फसल चौपट.. गेहूं बुवाई भी प्रभावित

पंजाब में मंगलवार को हुई ओलावृष्टि और बारिश से मुक्तसर और बठिंडा जिलों में बासमती और गेहूं की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं. कई मंडियों में कटी फसलें भीग गईं. किसानों को भारी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के अनुसार करीब 1,680 एकड़ फसल का 28 फीसदी हिस्सा खराब हुआ है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 6 Nov, 2025 | 12:58 PM

Punjab News: पंजाब के कई जिलों में मंगलवार को ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई. इससे फसलों को नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा नुकसान मुक्तसर और बठिंडा जिले में देखने को मिल रहा है, जहां खड़ी बासमती और नई बोई गई गेहूं की फसल चौपट हो गई. साथ ही कई मंडियों में पहले से कटी हुई फसलें भी भीग गईं. कुछ इलाकों में 15 से 30 मिनट तक पड़े ओलों ने सड़कों और धान के ढेरों को सफेद परत से ढक दिया.

कृषि विभाग की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, मुक्तसर जिले के मलोट, लंबी और गिद्दड़बाहा ब्लॉकों के 14 गांवों में करीब 1,680 एकड़ में खड़ी बासमती फसल  का लगभग 23 से 28 फीसदी हिस्सा खराब हो गया है. थराजवाला गांव के 85 वर्षीय किसान जगजीत सिंह ने कहा इतने बड़े ओले मैंने जिंदगी में पहली बार देखे. हमारे 30 एकड़ खेत में नई बोई गेहूं पूरी तरह खराब हो गई है. अब हमें दोबारा बुआई करनी पड़ेगी. साथ ही सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ है.

ओलावृष्टि से फसल को पहुंचा नुकसान

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुक्तसर के मुख्य कृषि अधिकारी जगसीर सिंह ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि  से कई जगहों पर बासमती फसल गिर गई है और गेहूं की नई फसल को भी नुकसान पहुंचा है. हालांकि बाकी फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. इन गांवों की कपास की फसल पहले ही मॉनसून में प्रभावित हुई थी. बारिश और ओलों से तापमान तो गिर गया, लेकिन बुधवार को निकली धूप ने किसानों को राहत दी, जिससे वे अपनी फसल दोबारा सुखाने में जुट गए.

मलोट अनाज मंडी से दिल दहला देने वाले नजारे सामने आए, जहां मंगलवार को किसानों की फसलें बारिश के पानी में तैरती दिखीं. बठिंडा जिले के तलवंडी साबो उपमंडल के कौरेआना गांव में भी कुछ वायरल वीडियो में धान की कटी हुई फसल ओलों की सफेद परत के नीचे दबी नजर आई. ऐसे ही हालात मुक्तसर जिले के थराजवाला और शामखेड़ा गांवों से भी सामने आए.

क्या कहते हैं किसान

मलोट मंडी में मौजूद कुछ किसानों ने कहा कि उनकी फसल पूरी तरह भीग गई है और अब उसे सूखने में वक्त लगेगा. हमें मंडी में कुछ दिन और रुकना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि  आढ़तियों ने तुरंत तिरपाल  तो दी, लेकिन खराब निकासी प्रणाली की वजह से कई किसानों को नुकसान हुआ. मलोट मार्केट कमेटी के सचिव मनदीप रहेजा ने कहा कि बारिश कुछ ही मिनटों तक हुई और 15 मिनट में पानी निकल गया. फिर भी किसानों को मंडियों में अपनी फसल उतारने के लिए जगह की कमी से जूझना पड़ा.

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Published: 6 Nov, 2025 | 12:53 PM

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

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