धान खरीदी ने पकड़ी रफ्तार, 12 लाख मीट्रिक टन का पेमेंट.. किसानों के खातों में पहुंचे 1545 करोड़

पंजाब के लुधियाना में धान खरीदी और उठान ने रफ्तार पकड़ ली है. पनग्रेन खरीद में सबसे आगे है, जबकि किसानों को 1,545 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने किसानों से पराली न जलाने और आधुनिक मशीनों से खेत प्रबंधन की अपील की.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 29 Oct, 2025 | 08:01 PM

Punjab Agriculture News: पंजाब के लुधियाना में धान खरीदी ने रफ्तार पकड़ ली है. खास बात यह है कि खरीदी के साथ-साथ उठान भी तेज गति से चल रहा है. पंजाब ग्रेन्स प्रोक्योरमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Pungrain) ने इस बार की खरीफ मार्केटिंग सीजन में जिले में धान की खरीद और उठान में सबसे आगे रहकर अहम उपलब्धि हासिल की है. 27 अक्टूबर तक पनग्रेन ने 2,99,045 मीट्रिक टन  धान की खरीद और 2,58,772 मीट्रिक टन धान का उठान किया है. इसके बाद मार्कफेड ने 1,71,000 मीट्रिक टन धान खरीदा और 1,54,500 मीट्रिक टन उठाया. पंसप (Punsup) ने 1,12,802 मीट्रिक टन धान की खरीद और 1,08,539 मीट्रिक टन उठान किया, जबकि PSWC ने 80,514 मीट्रिक टन धान खरीदा और 71,707 मीट्रिक टन का उठान किया.

जिले के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि अब तक किसानों को 1,545 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि प्रशासन हर किसान की उपज के हर दाने की खरीद  के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सभी खरीद केंद्रों (procurement centres) पर बेहतर इंतजाम किए गए हैं, ताकि खरीद प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के जारी रहे. अधिकारियों को नियमित रूप से मंडियों का निरीक्षण करने और खरीद प्रक्रिया की निगरानी कर समय पर किसी भी समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं.

पराली प्रबंधन को लेकर खास अपील

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गुणवत्ता बनाए रखने के लिए डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने किसानों से अपील की कि वे अपनी धान को पूरी तरह सुखाकर ही मंडियों  में बेचने लाएं, ताकि उसमें नमी का स्तर सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप रहे. उन्होंने किसानों से यह भी आग्रह किया कि पराली (paddy stubble) को जलाने के बजाय आधुनिक कृषि मशीनों की मदद से खेत में ही प्रबंधन करें. उन्होंने कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है और यह प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. जैन ने कहा कि पराली वास्तव में किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि अगर इसे आधुनिक उपकरणों से खेत में मिलाया जाए तो यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

नवांशहर जिले में भी धान खरीदी ने पकड़ी रफ्तार

वहीं, नवांशहर जिले में भी इन दिनों धान की कटाई तेजी से जारी है. जिले भर के किसान सक्रिय रूप से फसल की कटाई कर रहे हैं और मंडियों में धान बेचने पहुंच रहे हैं. अब तक लगभग 65 फीसदी धान की कटाई  पूरी हो चुकी है. डिप्टी कमिश्नर अंकुरजीत सिंह का कहना है कि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर धान की पराली प्रबंधन की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की.  उन्होंने कहा कि जिले में पराली के सही निपटारे और प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि प्रदूषण न बढ़े और किसानों को कोई दिक्कत न हो.

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Published: 29 Oct, 2025 | 06:17 PM

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