Sugarcane Variety: लाल सड़न रोग से पीड़ित गन्ना किसानों के लिए राहतभरी खबर है. अब उन्हें Co-0238 गन्ना किस्म से छुटकारा मिलने वाला है. अब सरकार गन्ना किसानों को गन्ने की उन्नत और नई किस्में उपलब्ध कराएगी. इन नई किस्मों पर लाल सड़न रोग का कोई असर नहीं होगा. यानी किसान अगर इन नई किस्मों की खेती करते हैं, तो अच्छी पैदावार मिलेगी. खास बात यह है कि इन नई किस्मों से उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के किसानों को ज्यादा फायदा होगा. क्योंकि यहां के गन्ना किसान लाल सड़न रोग से ज्यादा परेशान हैं.
कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, जो गन्ना किसान लाल सड़न रोग से पीड़ितक है, वे Co-0238 की जगह Co-118, Lucknow-16202, Shahjahanpur-18231, 13235 और CoLk-14021 किस्मों का चुनाव कर सकते हैं. इन किस्मों की बुवाई करने पर किसानों को लाल सड़न रोग से राहत मिलेगी. साथ ही ये नई किस्में Co-0238 के बेहतर और टिकाऊ विकल्प साबित हो रही हैं.
लाल सड़न रोग का नहीं होगा असर
बड़ी बात यह है कि इन नई गन्ना वैरायटीज की अपनी-अपनी खासियतें हैं जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. अगर बात Co-118 किस्म की करें तो यह बीमारियों के प्रति ज्यादा सहनशील है और इसका रस भी ज्यादा मीठा होता है. जबकि, CoLk-14021 को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (IISR), लखनऊ ने विकसित किया है. यह किस्म उन इलाकों के लिए बनाई गई है, जहां पहले Co-0238 में लाल सड़न जैसी बीमारियां देखने को मिली थीं. वहीं शाहजहांपुर-18231 किस्म सूखे और रोग दोनों परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करती है. इसके अलावा 13235 एक नई हाई-यील्डिंग वैरायटी है, जिसमें बीमारियों का असर बहुत कम देखा जाता है और यह बेहतर पैदावार देती है.
कितनी मिलेगी पैदावार
इन नई वैरायटीज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनकी पैदावार लगभग Co-0238 जितनी ही होती है. अगर Co-0238 से एक बीघे में 100 से 120 क्विंटल गन्ना मिलता है, तो इन नई किस्मों से भी करीब 90 से 100 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है. इसके साथ ही इन पर लाल सड़न और अन्य फफूंदजनित रोगों का असर बहुत कम होता है, जिससे फसल ज्यादा सुरक्षित रहती है.
क्या है इन नई किस्मों की खासियत
साथ ही कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को फसल चक्र अपना चाहिए और हर बार एक ही वैरायटी की बुवाई न करें. ऐसा करने से मिट्टी में रोगों का असर कम होगा और पैदावार बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि बुवाई से पहले बीज को ट्राइकोडर्मा या किसी अन्य फफूंदनाशक दवा से उपचारित करना जरूरी है, ताकि फसल स्वस्थ रहे. नई वैरायटीज की खासियत यह है कि इन्हें कम पानी और खाद में भी अच्छी बढ़वार मिलती है, जिससे किसानों की लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है. इसके अलावा, ये फसलें जल्दी तैयार हो जाती हैं, जिससे अगली फसल के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है.