Kisan Credit Card : खेती सिर्फ मेहनत से नहीं चलती, उसके लिए जरूरत होती है पूंजी की भी. लेकिन अब किसानों को पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं. सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना ने इस मुश्किल को आसान बना दिया है. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ब्याज दर बहुत कम है- सिर्फ 7 फीसदी और अगर किसान समय पर भुगतान करता है तो 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट भी मिलती है. यानी कम ब्याज में ज्यादा मुनाफा. यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए आर्थिक आज़ादी का नया रास्ता खोल रही है.
किसान क्रेडिट कार्ड- खेती के लिए आसान वित्तीय सहारा
मध्यप्रदेश के पशुपालन विभाग के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना का उद्देश्य किसानों को समय पर वित्तीय सहायता देना है ताकि वे बीज, खाद, दवाइयां और अन्य कृषि उपकरण आसानी से खरीद सकें. पहले किसानों को लोन लेने के लिए बैंक के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बना दी गई है. अब किसानों को खेती के हर मौसम में पूंजी की कमी का डर नहीं है. वे जरूरत पड़ने पर सीधे अपने किसान कार्ड से पैसे निकाल सकते हैं और फसल तैयार होने पर आराम से चुका सकते हैं. इस योजना की खास बात यह है कि किसान और पशुपालक दोनों को इसमें बराबर लाभ मिलता है.
- बिना जमानत:- 2 लाख रुपये तक का लोन
- जमानत के साथ:- 3 लाख रुपये तक का लोन
यह लोन सीधे बैंक से किसान के खाते में दिया जाता है, जिससे कोई बिचौलिया शामिल नहीं होता. यह राशि किसानों के लिए बीज खरीदने, खाद डालने, पशुओं के चारे की व्यवस्था और अन्य जरूरतों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है.

किसान क्रेडिट कार्ड
पशुपालकों के लिए भी बड़ा फायदा
किसान क्रेडिट कार्ड सिर्फ फसल के लिए नहीं, बल्कि पशुपालकों के लिए भी उपयोगी है. गाय-भैंस पालने वालों को पशुओं की दवा, चारा और रखरखाव के खर्च के लिए भी इसी कार्ड से आसानी से रकम मिल सकती है. यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक रही है. अब पशुपालक अपने व्यवसाय को बढ़ा रहे हैं और दूध उत्पादन से लेकर पशुधन की देखभाल तक हर काम में आत्मनिर्भर बन रहे हैं.
ब्याज पर छूट- समय पर भुगतान वालों के लिए खास फायदा
इस योजना में किसानों के लिए ब्याज दर सिर्फ 7 फीसदी रखी गई है, जो पहले के मुकाबले काफी कम है. इसके अलावा, अगर किसान लोन की किस्त समय पर चुका देता है, तो उसे 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी दी जाती है. यानि किसान के लिए असल ब्याज दर सिर्फ 4 फीसदी रह जाती है. इतना कम ब्याज किसी और सामान्य लोन में नहीं मिलता. यह किसानों को ईमानदारी से समय पर भुगतान करने और अपनी साख बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है.
आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान- अब बैंक के चक्कर नहीं
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए अब ज्यादा कागजी प्रक्रिया नहीं है. किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा, सहकारी समिति या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
- पहचान पत्र
- जमीन का दस्तावेज
- फसल या पशुपालन से जुड़ी जानकारी
इन दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर बैंक द्वारा सत्यापन किया जाता है और पात्रता तय होते ही कार्ड जारी कर दिया जाता है. कई राज्यों में डिजिटल किसान कार्ड की सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे लेनदेन और भी आसान हो गया है.