खुशखबरी: खेत से ट्रांसमिशन लाइन गुजरने पर किसानों को मिलेगा 4 गुना मुआवजा

राजस्थान सरकार ने बिजली के हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन टावरों से प्रभावित जमीन के लिए मुआवजे की दर चार गुना तक बढ़ा दी है. अब अगर आपके खेत में बिजली का टावर लगता है, तो आपको पहले से चार गुना ज्यादा रकम मिलेगी.

नई दिल्ली | Published: 26 Jul, 2025 | 09:36 AM

कई बार ऐसा होता है कि किसानों की जमीन से बिजली की बड़ी-बड़ी लाइनें गुजर जाती हैं, लेकिन बदले में उन्हें बेहद मामूली मुआवजा मिलता है. खेती भी नहीं हो पाती और नुकसान भी झेलना पड़ता है. लेकिन अब राजस्थान के किसानों के लिए एक राहतभरी खबर आई है. राज्य सरकार ने किसानों की इस पुरानी चिंता को दूर करने के लिए एक बड़ी पहल की है.

क्या है नई मुआवजा नीति?

राजस्थान सरकार ने बिजली के हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन टावरों से प्रभावित जमीन के लिए मुआवजे की दर चार गुना तक बढ़ा दी है. अब अगर आपके खेत में बिजली का टावर लगता है, तो आपको पहले से चार गुना ज्यादा रकम मिलेगी. पहले डीएलसी (जिला स्तरीय समिति) दर का 200 फीसदी मुआवजा दिया जाता था, लेकिन अब इसमें और 200 फीसदी जोड़ा गया है, यानी कुल 400 फीसदी का मुआवजा मिलेगा.

किन जमीनों पर कितना मुआवजा?

टावर की जगह पर: डीएलसी दर का 400 फीसदी

जहां से लाइन गुजरती है (पथाधिकार क्षेत्र):

गांवों में जमीन मूल्य का 30 फीसदी

नगर पालिका व शहरी क्षेत्रों में 45 फीसदी

नगर निगम/महानगर क्षेत्रों में 60 फीसदी

‘पथाधिकार’ क्या होता है?

पथाधिकार यानी वह जमीन जिससे होकर बिजली की लाइनें गुजरती हैं या जिन क्षेत्रों में मरम्मत के लिए पहुंच जरूरी होती है. इन इलाकों में आमतौर पर किसान खेती नहीं कर पाते, जिससे उन्हें नुकसान होता है. अब उन्हें उस नुकसान की भी भरपाई मिलेगी.

सिर्फ सरकारी नहीं, निजी कंपनियां भी होंगी जिम्मेदार

यह नई नीति सिर्फ सरकारी कंपनियों (जैसे Power Grid Corporation of India) तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सभी निजी कंपनियों पर भी लागू होगी चाहे वे राज्य के अंदर काम करें या बाहर.

किसानों को क्या मिलेगा फायदा?

  • फसल न उगने वाली जमीन पर भी मिलेगा मुआवजा
  • आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
  • लंबे समय से चली आ रही मांग हुई पूरी
  • बिजली परियोजनाओं को मिलेगा किसानों का सहयोग

किसानों में खुशी की लहर

इस फैसले से राज्य भर के किसान बेहद खुश हैं. वर्षों से मांग की जा रही थी कि ट्रांसमिशन लाइनों से प्रभावित जमीन के लिए न्यायसंगत मुआवजा मिले. अब सरकार के इस कदम ने किसानों को राहत की सांस दी है और एक भरोसा भी दिया है कि सरकार उनकी आवाज सुनती है.