मंत्री का खाद किल्लत से इंकार, CM का दे रहे हवाला.. पर किसानों को नहीं मिल रही यूरिया

मध्य प्रदेश में किसानों को यूरिया के लिए घंटों लंबी लाइनों में खड़ा रहना पड़ रहा है, फिर भी खाद नहीं मिल रही. मंत्री एंदल सिंह कंसाना कमी से इनकार कर रहे हैं, जबकि उनके ही गृह जिला मुरैना में हालात खराब हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 6 Sep, 2025 | 09:33 PM

मध्य प्रदेश में किसानों को खाद नहीं मिल रही है. एक बोरी यूरिया के लिए किसानों को लंबी-लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी किसानों को शाम को खाली हाथ ही घर लौटना पड़ रहा है. हालांकि, प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना खाद की किल्लत को सिरे से खारिज कर रहे हैं. उनका कहना है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर बयां कर रही है.

खास बात यह है कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना के गृह जिले मुरैना में ही खाद की भारी किल्लत है. किसानों को एक-एक बोरी खाद के लिए वितरण केंद्रों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी उन्हें उर्वरक नहीं मिल रहा है. खाद की कमी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं और इसमें महिलाएं, छात्र-छात्राएं तक घंटों धूप में खड़े रहने को मजबूर हैं.

किसानों को नहीं मिल रही खाद

किसानों का कहना है कि वे सुबह से लाइन में लगे हुए हैं. एक किसान ने कहा है कि कई दिनों से वे खाद के लिए सुबह में आकर खाद वितरण केंद्र के बाहर लाइन में लग रहे हैं. लेकिन फिर भी शाम तक खाली हाथ लौट ना पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब हालात मंत्री के अपने जिले में ही इतने खराब हैं, तो वो खाद की ‘कोई कमी नहीं’ कहकर हकीकत से आंखें क्यों मूंद रहे हैं?  जबकि, किसानों खासकर महिलाओं और पुरुषों का कहना है कि वे सुबह से लाइन में खड़े रहते हैं, जिससे घर का सारा कामकाज छूट जाता है और कई बार तो बच्चों को बिना खाना खिलाए ही आना पड़ता है. इसके बावजूद खाद समय पर नहीं मिलती. किसानों का आरोप है कि खुलेआम खाद की कालाबाजारी हो रही है. ऐसे में गरीब किसान परेशान हैं और बुवाई का वक्त निकलता जा रहा है.

कलेक्टरों को डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर बढ़ाने के निर्देश

वहीं, कृषि मंत्री का कहना है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है. उनकी मुख्यमंत्री से बात हो चुकी है और कलेक्टरों को डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. मंत्री का यह भी कहना है कि कांग्रेस को सिर्फ कमी दिख रही है, असल में कोई बड़ी समस्या नहीं है. लेकिन मंत्री के अपने जिले मुरैना और गांव नायकपुरा की तस्वीरें कुछ और ही कह रही हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय किसान

स्थानीय किसान देवेंद्र कंसाना का कहना है कि जिले में खाद की भारी कमी है. लोग सुबह से लाइन में लगे रहते हैं और अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कालाबाजारी की जा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब मंत्री के अपने जिले में किसान परेशान हैं, तो बाकी प्रदेश में हालात कैसे होंगे? मंत्री के बयानों और किसानों की सच्चाई में बड़ा फर्क साफ दिख रहा है.

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Published: 6 Sep, 2025 | 05:56 PM

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