Sheep Farming : सर्द हवाओं के बीच गांवों में एक बार फिर भेड़ पालन की चर्चा तेज हो गई है. कई युवा और किसान पारंपरिक खेती के साथ एक ऐसा काम अपनाना चाहते हैं, जिसमें कम खर्च लगे और कमाई लगातार होती रहे. ऐसे में भेड़ पालन लोगों के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रहा है. सही प्रजाति और सही देखभाल के साथ भेड़ पालन किसानों को सालभर अच्छी आय दिला सकता है. दूध से लेकर ऊन और चमड़े तक-भेड़ कई तरह से कमाई का मौका देती है.
कम खर्च में शुरू होता है भेड़ पालन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भेड़ पालन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसे बहुत कम लागत में शुरू किया जा सकता है. जहां अन्य पशुपालन में बड़ी पूंजी की जरूरत होती है, भेड़ पालन केवल 10-15 भेड़ों के साथ भी शुरू किया जा सकता है. एक भेड़ की कीमत प्रजाति के आधार पर 3,000 से 8,000 रुपये तक पड़ती है. भेड़ों के लिए एक साधारण बाड़ा बनाना पड़ता है, जिसमें रहने की जगह और साफ-सफाई की सुविधा हो. लगभग 20 भेड़ों के लिए करीब 500 वर्गफीट का बाड़ा काफी माना जाता है, जिसे बनाने में 30 से 40 हजार रुपये तक खर्च आता है. इसके बाद इनकी देखभाल में ज्यादा पैसा नहीं लगता, यही वजह है कि छोटे किसान भी इसे अपना पा रहे हैं.
कौन-सी भेड़ें ज्यादा फायदेमंद?
भेड़ पालन तभी लाभदायक होता है, जब किसान उन्नत प्रजातियों का चयन करें. ये प्रजातियां अच्छी मात्रा में दूध, ऊन और कभी-कभी मांस भी देती हैं. देश में कुछ प्रजातियां काफी लोकप्रिय हैं, जैसे-मंडिया, मरवाड़ी, मालपुरा, जैसलमेरी, बीकानेरी, कोरिडायल और छोटा नागपुरी. ये भेड़ें लंबी उम्र की होती हैं और अक्सर 7-8 साल तक ऊन और दूध देती रहती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सही प्रजाति अपनाने पर किसान एक भेड़ से सालभर में कई बार ऊन प्राप्त कर सकते हैं. ऊन की मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है.
देखभाल में ध्यान रखें ये जरूरी बातें
भेड़ पालन में बड़ी मशीनों या महंगे सेटअप की जरूरत नहीं होती, लेकिन नियमित देखभाल बेहद जरूरी है. भेड़ें ज्यादातर हरा चारा, पत्तियां और सूखा चारा खाती हैं. इन्हें समय-समय पर टहलाना और खुली जगह में चराना इनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है. रिपोर्ट्स का कहना है कि स्वस्थ भेड़ से ही अच्छी ऊन और दूध मिलता है, इसलिए साफ-सफाई, समय पर टीकाकरण और दवाओं पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. कुछ किसान भेड़ों के मल को खेतों में खाद की तरह इस्तेमाल करते हैं, जिससे खेती की लागत भी कम हो जाती है.
भेड़ पालन से नुकसानों की तुलना में फायदे अधिक हैं, इसलिए ग्रामीण इलाकों में यह तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है. कम पूंजी, कम मेहनत और लगातार कमाई-भेड़ पालन को एक भरोसेमंद बिजनेस बना रहे हैं. कई किसान तो महज कुछ सालों में इससे अच्छी बचत कर चुके हैं और इसे अपनी मुख्य कमाई का जरिया बना चुके हैं.