किसान खाद की लाइन में और दुकानों पर स्टॉक खत्म का बोर्ड टांगा.. खाद संकट पर भड़के किसान नेता

Fertilizer Crisis: रबी सीजन की बुवाई का समय है और किसान खेतों को तैयार कर बीजों की बुवाई के लिए रेडी है और उसे अब डीएपी समेत अन्य खादों की जरूरत है. लेकिन, किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने देशभर में खाद संकट पर सवाल उठाते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 2 Nov, 2025 | 12:21 PM

Fertilizer Stock in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में खाद संकट मामले ने तूल पकड़ लिया है. एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि राज्य में भरपूर मात्रा में खाद उपलब्ध है और किसानों को किसी तरह की खाद संबंधी दिक्कत नहीं है. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने इन दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई जिलों में दुकानों के बाहर किसान लाइन लगाए हुए हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि खाद की कमी खुलकर सामने आ चुकी है कई जिलों में किसान लाइन में खड़े हैं, कहीं दुकानों पर स्टॉक खत्म का बोर्ड टांग दिया जा रहा है.

किसानों को खाद नहीं मिलने पर भड़के किसान नेता

रबी सीजन की बुवाई का समय है और किसान खेतों को तैयार कर बीजों की बुवाई के लिए रेडी है और उसे अब डीएपी समेत अन्य खादों की जरूरत है. लेकिन, किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने देशभर में खाद संकट पर सवाल उठाते हुए कहा कि देशभर में डीएपी खाद की किल्लत पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, किसान फसल की बुवाई के लिए तैयार हैं, खेत भी तैयार हैं, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है.

किसान लाइन में और दुकानों पर स्टॉक खत्म के बोर्ड टांगे जा रहे

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज पूरे देश में खाद की कमी खुलकर सामने आ चुकी है. कई जिलों में किसान लाइन में खड़े हैं, कहीं ‌पर्चियां कट रही हैं और कहीं दुकानें “स्टॉक खत्म” का बोर्ड टांगकर बैठी हैं. उन्होंने कहा कि खेती के सबसे अहम समय पर खाद न मिले तो मेहनत, बीज, लागत सब खतरे में पड़ जाते हैं.

Rakesh Tikait slams govt for Fertilizer stock claim

खाद पाने के लिए भीड़.

समय पर खाद मिलना उसका हक है, भीख नहीं

राकेश टिकैत तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार कहती है की खाद की कोई कमी नहीं है और किसान धरातल पर कमी झेल रहे हैं, तो सवाल उठता है. दोष किसका है प्रबंधन का, नीतियों का या इरादों का. किसान को समय पर खाद मिलना उसका हक है, भीख नहीं. उन्होंने कहा कि डीएपी सिर्फ खाद नहीं, फसल की नींव है खासकर गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों के लिए. इस कमी का सीधा असर उपज, लागत और आखिर में देश की अन्न-सुरक्षा पर पड़ेगा.

यूपी में खाद की भी कोई कमी नहीं – कृषि मंत्री

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बीते सप्ताह राज्य में खाद स्ट़ॉक के आंकड़े जारी किए थे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में खाद की कमी नहीं है. सभी 75 जिलों में पर्याप्त मात्रा में डीएपी, एनपीके, एसएसपी, पोटाश उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य में डीएपी 4 लाख 79 हजार मीट्रिक टन, एनपीके 4 लाख 82 हजार मीट्रिक टन, एसएसपी 3 लाख 2 हजार मीट्रिक टन, यूरिया 11 लाख 84 हजार मीट्रिक टन, पोटाश 95 हजार मीट्रिक टन. इसमें सहकारी समितियों पर डीएपी 2 लाख 28896 मीट्रिक टन, एनपीके 1 लाख 34 हजार मीट्रिक टन तथा यूरिया 5 लाख 3201 मीट्रिक टन है.

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Published: 2 Nov, 2025 | 12:09 PM

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