मछलियों को पकड़ते वक्त अब कछुए नहीं फंसेंगे, TED से होगा सुरक्षित निकास

भारत सरकार ने समुद्री कछुओं की सुरक्षा के लिए ट्रॉल बोट्स पर टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस लगाना अनिवार्य किया है. यह उपकरण कछुओं को सुरक्षित निकलने देता है. सरकार इसकी पूरी लागत उठा रही है, जिससे मछुआरों को भी फायदा होगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 7 Aug, 2025 | 10:20 PM

भारत सरकार ने समुद्री कछुओं को बचाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब देश की सभी ट्रॉल बोट्स पर टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस (TED) लगाना जरूरी कर दिया गया है. यह एक खास यंत्र है जो मछलियों को पकड़ने देता है, लेकिन समुद्री कछुओं को सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता देता है. यह कदम समुद्री जीवन को बचाने की दिशा में बहुत अहम माना जा रहा है.

इस तकनीक से समुद्री जीवन की रक्षा होगी और मछुआरों को भी फायदा पहुंचेगा. सरकार की ये पहल प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने और कछुआ प्रजातियों को बचाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है.

टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस (TED) क्या है?

TED एक जाल में लगाया जाने वाला उपकरण है, जो मछलियों को जाल में रहने देता है लेकिन समुद्री कछुओं जैसे बड़े जीवों को बाहर निकलने का रास्ता देता है. भारत में कई बार मछली पकड़ते समय कछुए गलती से फंस जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है. खासतौर पर ओडिशा के समुद्र तटों पर ओलिव रिडले कछुए बड़ी संख्या में अंडे देने आते हैं. लेकिन ट्रॉल बोट्स की वजह से बड़ी संख्या में उनकी जान चली जाती है. अब इस TED उपकरण के आने से ऐसी घटनाएं कम होंगी और कछुओं की जान बचाई जा सकेगी.

भारत के सभी तटीय राज्य हुए शामिल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के 9 तटीय राज्यों- गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल- ने अब अपने कानूनों में बदलाव कर TED को अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे द्वीपों में वैसे भी बॉटम ट्रॉलिंग पर रोक लगी हुई है, जिससे वहां कछुए पहले से सुरक्षित हैं. आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों ने तो अभी से कई ट्रॉल बोट्स में यह डिवाइस लगवाना शुरू भी कर दिया है.

सरकार दे रही है पूरी मदद और सब्सिडी

इस उपकरण को बनाने का काम ICAR-CIFT नाम की संस्था ने किया है और इसकी कीमत करीब 23,485 रुपये है. लेकिन अच्छी बात ये है कि सरकार इस पूरी लागत को उठा रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत इसका 100 फीसदी खर्च केंद्र और राज्य मिलकर दे रहे हैं- यानी किसान या मछुआरों को कुछ भी नहीं देना होगा. इसके अलावा MPEDA और राज्य मत्स्य विभाग भी मछुआरों को इसका उपयोग सिखा रहे हैं और उन्हें जागरूक कर रहे हैं.

क्या हैं TED के फायदे?

इस डिवाइस से कई फायदे होंगे-

  • समुद्री कछुओं की जान बचेगी.
  • मछली पकड़ने की गुणवत्ता बेहतर होगी.
  • अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार निर्यात करना आसान होगा.
  • अमेरिका जैसे देशों में श्रिम्प भेजने में मदद मिलेगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 7 Aug, 2025 | 10:20 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%