पौधा संरक्षण परामर्श योजना से किसान करेंगे सुरक्षित खेती, वैज्ञानिक कीटनाशकों के सही इस्तेमाल की देंगे ट्रेनिंग

बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि हर साल बिहार में कीट, रोग या खरपतवारों के कारण 30 से 35 फीसदी फसल को नुकसान पहुंचता है और फसल चौपट हो जाती है. उन्होंने कहा कि इस नुकसान का सबसे बड़ा कारण है फसलों पर गलत कीटनाशकों का इस्तेमाल करना.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 13 Sep, 2025 | 09:00 PM

Bihar News: बिहार सरकार किसानों के विकास और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत रहती है. 2025 के आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले अब सरकार एक्शन मोड में है. प्रदेश के किसानों के लिए लगातार योजनाओं की घोषणा की जा रही है. अब इसी कड़ी में बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को टिकाऊ और फायदे का सौदा बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है. कृषि मंत्री ने प्रदेश में ‘पौधा संरक्षण परामर्श योजना’ की शुरुआत की है, जिसके तहत कृषि वैज्ञानिक किसानों को सुरक्षित खेती के गुण सिखाएंगे. साथी ही उन्हें फसलों के लिए सही कीटनाशकों के इस्तेमाल की ट्रनिंग भी देंगे.

योजना का मुख्य उद्देश्य

बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई पौधा संरक्षण परामर्श योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाकर न केवल उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है बल्कि उनकी फसलों की सुरक्षा कर प्रदेश के कृषि क्षेत्र का विस्तार करना भी है. बता दें कि, इस योजना के तहत प्रदेश में जितने भी प्रमाणित कीटनाशक विक्रेता हैं, उन्हें साल में 2 बार ट्रेनिंग दी जाएगी. ये ट्रेनिंग उन्हें कृषि वैज्ञानिक देंगे. ट्रेनिंग के दौरान वैज्ञानिक इन विक्रेताओं को सुरक्षित, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल खेती करना सिखाएंगे. इसके साथ ही किसानों को फसलों के लिए सही और उचित कीटनाशकों की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि किसानों की फसलों को खराब कीटनाशकों के कारण किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचे.

35 फीसदी फसल होती है बर्बाद

बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश के कृषि मंत्री ने बताया कि हर साल बिहार में कीट, रोग या खरपतवारों के कारण 30 से 35 फीसदी फसल को नुकसान पहुंचता है और फसल चौपट हो जाती है. उन्होंने बताया इस नुकसान का सबसे बड़ा कारण है फसलों पर गलत कीटनाशकों का इस्तेमाल करना. उन्होंने आगे ये भी बताया कि भारत सरकार अबतक 49 कीटनाशकों पर पूरी तरह से बैन लगा चुकी है. इनमें से कुछ प्रमुख कीटनाशक कार्बारिल, डाईक्लोरोभॉस और फेनशियॉन आदि शामिल हैं. इसके अलावा सरकार ने 16 अन्य कीटनाशकों पर आंशिक रोक लगाई है, यानी कुछ फसलों पर इन 16 कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

योजना से किसानों को क्या फायदा

खराब या गलत कीटनाशक के इस्तेमाल से केवल फसलों को ही नुकसान नहीं पहुंचता है बल्कि किसानों की सेहत पर भी इन केमिकल कीटनाशकों का बुरा असर पड़ता है. इस योजना की मदद से किसानों को सही और गलत कीटनाशक की जानकारी दी जाएगी, जिसके कारण किसान अपनी सुरक्षा कर सकेंगे. साथ ही जब किसान फसलों पर सही कीमनाशकों का इस्तेमाल करने लगेंगे तो मिट्टी और पानी में किसी भी तरह की जहर नहीं जाएगा. इसके अलावा सही कीटनाशक के इस्तेमाल से फसलें सुरक्षित रहेंगी और किसानों की लागत घटने के साथ-साथ उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी.

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Published: 13 Sep, 2025 | 09:00 PM

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