नकली दवाओं पर सख्त योगी सरकार, पूरे प्रदेश में होगी दवाओं की जांच

प्रदेश में आए दिन नकली और कमजोर दवाओं की शिकायतें मिलती रही हैं. इस गंभीर समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में नकली दवाओं की जांच को सख्ती देने का बड़ा निर्णय लिया है. अब हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद बनाया जाएगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 25 Oct, 2025 | 09:28 AM

Fake Medicines: देश में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमेशा सावधानी बरती जाती है, लेकिन कुछ लोग नकली और गुणवत्ताहीन दवाओं की बिक्री करके आम लोगों की जान को खतरे में डालते हैं. इस गंभीर समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में नकली दवाओं की जांच को सख्ती देने का बड़ा निर्णय लिया है. अब हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद बनाया जाएगा, जो औषधि निरीक्षकों की निगरानी करेंगे और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे.

हर जिले में औषधि नियंत्रण अधिकारी की तैनाती

प्रदेश में आए दिन नकली और कमजोर दवाओं की शिकायतें मिलती रही हैं. इनकी जांच की जिम्मेदारी अब तक औषधि निरीक्षकों पर थी, लेकिन कई जिलों में निरीक्षक नहीं हैं या एक निरीक्षक को दो जिलों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ती थी. ऐसे में अब हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो औषधि निरीक्षकों के कामकाज की निगरानी करेंगे और दवाओं की बिक्री पर सख्ती से नजर रखेंगे.

विभाग का पुनर्गठन और पदों में वृद्धि

स्वास्थ्य और औषधि प्रशासन विभाग में सुधार के तहत अब औषधि निरीक्षकों की संख्या दोगुना की जाएगी. वर्तमान में विभाग में 109 औषधि निरीक्षक हैं, जिनमें से 32 पद खाली हैं. इसके अलावा उपायुक्त (औषधि) और संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद भी बढ़ाए जाएंगे, ताकि अधिकारी दवाओं की गुणवत्ता जांच और वितरण की पूरी प्रक्रिया पर कड़ी नजर रख सकें. यह कदम जनता को सुरक्षित और भरोसेमंद दवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है.

नकली दवाओं से जनता की सुरक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नकली और कमजोर दवाओं की बिक्री पर कोई समझौता न हो. हर जिले में नियुक्त जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी और औषधि निरीक्षक लगातार दवाओं की गुणवत्ता की जांच करेंगे, फार्मेसियों और दुकानों पर सख्त निगरानी रखेंगे और अगर किसी भी तरह की अनियमितता पाएंगे तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

इस योजना का उद्देश्य सिर्फ दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना ही नहीं है, बल्कि जनता का भरोसा कायम रखना और स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना भी है. अधिकारी अब प्रत्येक फार्मेसी और मेडिकल स्टोर के रिकॉर्ड की समीक्षा करेंगे, सुनिश्चित करेंगे कि सभी दवाएं लाइसेंस प्राप्त और प्रमाणित हों. इसके अलावा, नकली दवाओं की बिक्री करने वाले विक्रेताओं पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उनके लाइसेंस रद्द करने की भी संभावना रहेगी.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत जनता को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जाएंगे, जिसमें लोगों को नकली दवाओं की पहचान करने और उन्हें खरीदने से बचने के टिप्स दिए जाएंगे. इसके अलावा, डिजिटल निगरानी प्रणाली के माध्यम से दवाओं के सप्लाई चेन पर भी नजर रखी जाएगी, ताकि कहीं भी कोई कमियां या गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जा सके.

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