भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) ने सूरजमुखी बीज की खरीद प्रक्रिया में घोटाले करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि अगर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन शुरू करेंगे. यूनियन नेताओं का कहना है कि जिन बोरी में 28 किलो सूरजमुखी बीज भरा जाना था, उनमें 200 ग्राम से लेकर 2 किलो तक ज्यादा बीज भरा गया.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, खासकर अंबाला सिटी अनाज मंडी में इससे किसानों को खरीदी के समय नुकसान हुआ है. इस विरोध में किसानों ने मंडी में इकट्ठा होकर नारेबाजी की और हरियाणा के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका. साथ ही राज्य के सभी 17 सूरजमुखी खरीद केंद्रों की जांच की मांग की.
डाला जा रहा है मात्रा से ज्यादा बीज
यूनियन अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहरी ने कहा कि हमें शिकायतें मिल रही थीं कि बोरियों में तय मात्रा से ज्यादा बीज डाला जा रहा है. यह मामला मंडी समिति सचिव, डीएम हफेड और डिप्टी कमिश्नर के सामने उठाया गया है. भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहरी ने कहा कि किसानों से धोखा न हो, यह जिम्मेदारी मंडी समिति की थी, लेकिन मंडी सचिव ने कहा कि खरीद का काम हफेड देख रहा है और उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया. हालांकि डीएम हफेड ने जांच समिति बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
बोरियों में 30 किलो तक बीज पाया गया
यूनियन के मुताबिक, गुरुवार को किसानों ने सूरजमुखी बीज से भरे दो ट्रकों को हाईवे पर रोका और जांच के लिए उन्हें वापस अंबाला सिटी अनाज मंडी ले आए. नियम के मुताबिक हर बोरी में 28 किलो बीज होना चाहिए, लेकिन इन बोरियों में 30 किलो तक बीज पाया गया. मोहरी ने आरोप लगाया कि ये ट्रक रात के समय बिना तौले निकलने दिए गए, जिससे अधिकारियों की मिलीभगत का शक होता है. यूनियन प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने कहा कि इसी तरह की गड़बड़ियां गेहूं खरीद सीजन में भी हुई थीं.
7,280 रुपये प्रति क्विंटल है MSP
कुछ लोगों पर आरोप है कि वे पंजाब से सूरजमुखी के बीज सस्ते दामों पर खरीदकर हरियाणा में सरकार को 7,280 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेच रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के नेताओं ने कहा कि यह असली किसानों के साथ धोखा है, सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए और नुकसान झेल रहे किसानों को मुआवजा देना चाहिए.
16 जून को तय होगी आगे की रणनीति
यूनियन ने ऐलान किया है कि वे राज्य के सभी खरीद केंद्रों की खुद जांच करेंगे और 16 जून को बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. अगर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन शुरू किया जाएगा. वहीं, हफेड अंबाला के जिला प्रबंधक देवेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी मिल गई है और इसकी जांच के लिए एक समिति बनाई गई है.