हवाई सर्वेक्षण के बाद PM मोदी ने हिमाचल को दिया 1,500 करोड़ का राहत पैकेज, मृतक के परिवारों को मिलेंगे 2 लाख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की. उन्होंने राहत कार्यों में जुटे NDRF और SDRF कर्मियों से बातचीत की और एक प्रेजेंटेशन के जरिए बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 9 Sep, 2025 | 05:23 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने राहत और बचाव कार्य में जुटे NDRF और SDRF के जवानों से भी बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ की स्थिति पर एक प्रेजेंटेशन भी देखा. उनके साथ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे. खास बात यह है कि पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और बारिश से प्रभावित इलाकों के लिए 1,500 करोड़ रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही, मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की गई है.

साथ ही एसडीआरएफ की दूसरी किस्त और पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त समय से पहले ही जारी की जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य और लोगों को फिर से सामान्य स्थिति में लाने के लिए कई स्तरों पर काम किया जाएगा. इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए घर बनाए जाएंगे. राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत की जाएगी, टूटे स्कूलों का पुनर्निर्माण होगा, प्रधानमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दी जाएगी और पशुओं के लिए मिनी किट्स दिए जाएंगे. इन सब कदमों से बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द राहत मिलेगी और उनका जीवन फिर से सामान्य हो सकेगा.

एक साल की नीतिका से मिले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने पीड़ितों से मुलाकात के दौरान एक साल की नीतिका से भी मिले, जो इस बार की त्रासदी की सबसे बड़ी प्रतीक बन गई है. नीतिका ने मंडी जिले में हुए बादल फटने की घटना में अपने पूरे परिवार को खो दिया था. 30 जून की रात जब मंडी के गोहर क्षेत्र के तलवाड़ा गांव में भूस्खलन हुआ, तब नीतिका की उम्र सिर्फ 11 महीने थी. उस हादसे में उसके पिता रमेश कुमार (31), मां राधा देवी (24) और दादी पूनम देवी (59) की मौत हो गई थी. तीनों अपने घर की तरफ आ रही कीचड़ को रोकने की कोशिश कर रहे थे, तभी अचानक पहाड़ों में बादल फट गया और सबकुछ बहा ले गया. नीतिका उस वक्त रसोई में सो रही थी, जो घर का एकमात्र हिस्सा था जो सुरक्षित रहा. वह चमत्कारिक रूप से बच गई. अब लगभग 14 महीने की हो चुकी नीतिका को हिमाचल सरकार ने ‘राज्य की संतान’ घोषित किया है. सरकार उसकी पढ़ाई और जीवन से जुड़ी सभी जरूरतों का खर्च उठाएगी.

पीएम मोदी ने लैंडस्लाइड की स्थिति का जायजा लिया

वहीं, पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खुद हवाई सर्वेक्षण की जानकारी दी. उन्होंने कहा कहा कि हवाई सर्वेक्षण के जरिए हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और लैंडस्लाइड की स्थिति का जायजा लिया. इस कठिन समय में हम प्रदेश के अपने भाई-बहनों के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं. इसके साथ ही प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

4,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान

राज्य सरकार के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश को अब तक 4,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. अब तक 370 लोगों की जान जा चुकी है, और 41 लोग लापता हैं. सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) की सड़कों और पुलों को हुआ है. मॉनसून शुरू होने के बाद से राज्य में अब तक 136 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) और 45 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिससे सरकारी और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है. फिलहाल, 615 सड़कें, जिनमें 4 नेशनल हाईवे भी शामिल हैं, अब भी बंद हैं. साथ ही, 1,748 बिजली के ट्रांसफार्मर और 461 जलापूर्ति योजनाएं अभी भी काम नहीं कर रही हैं.

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Published: 9 Sep, 2025 | 03:00 PM

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