Cotton MSP: केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने 2025-26 की खरीफ कपास सीजन के लिए कपास उत्पादन करने वाले सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) संचालन नियमों के अनुसार पूरी तरह तालमेल सुनिश्चित करें. मंत्रालय ने किसानों के लिए सरल और पारदर्शी खरीद प्रणाली, समय पर भुगतान और डिजिटल समावेशन को प्राथमिकता बताया है.
बैठक में उठाए गए अहम मुद्दे
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, केंद्रीय वस्त्र सचिव नीलम शमी राव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में सभी कपास उगाने वाले राज्यों के अधिकारियों और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में MSP संचालन, किसानों के लिए आसानी से पहुंच योग्य खरीद केंद्र और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई.
मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी राज्यों को MSP के संचालन में कोई देरी या भ्रम नहीं होना चाहिए. अधिकारियों ने यह भी जोर दिया कि डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देकर किसानों के लिए प्रक्रिया और भी सरल बनाई जाए.
रिकॉर्ड खरीद केंद्रों का संचालन
इस बार कुल 550 कपास खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो अब तक सबसे अधिक संख्या में हैं. इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को खरीद के लिए सुविधाजनक पहुंच और लॉजिस्टिक कार्यक्षमता सुनिश्चित की जाएगी.
क्षेत्रीय अनुसूची के अनुसार कपास की खरीदारी
कपास की खरीफ फसल के तैयार होने के समय और विभिन्न क्षेत्रों की कृषि परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने क्षेत्रीय खरीदारी अनुसूची तैयार की है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसान अपनी फसल समय पर बेच सकें और उन्हें MSP के तहत सही मूल्य मिले.
उत्तरी क्षेत्र: पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में खरीदारी 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी. इन राज्यों में कपास की फसल जल्दी तैयार हो जाती है, इसलिए खरीदी का समय भी अक्टूबर की शुरुआत में रखा गया है. किसानों को अपने स्थानीय खरीद केंद्रों पर आसानी से फसल बेचने की सुविधा मिलेगी.
मध्य क्षेत्र: गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा में खरीदारी 15 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी. इन राज्यों में फसल की कटाई और पैदावार का समय उत्तरी राज्यों की तुलना में थोड़ा आगे होता है, इसलिए मध्य अक्टूबर से खरीदारी अभियान चलाया जाएगा. इससे किसानों को अपने क्षेत्रीय बाजार और फसल की तैयारी के हिसाब से लाभ मिलेगा.
दक्षिण क्षेत्र: तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में खरीदारी 21 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी. दक्षिण भारत में मौसम और फसल की वृद्धि की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र के किसानों को अंतिम तिथि के आसपास खरीद केंद्रों से फसल बेचने का मौका मिलेगा.
इस तरह की क्षेत्रीय अनुसूची किसानों को अपने फसल की तैयारियों और स्थानीय बाजार की स्थिति के अनुसार बिक्री करने का लाभ देती है. साथ ही, इससे सरकारी खरीद केंद्रों की भीड़ कम होगी और लॉजिस्टिक कार्यप्रणाली सुचारू रूप से चल सकेगी.
किसानों के लिए आसान और पारदर्शी प्रक्रिया
मंत्रालय ने कहा कि कपास किसानों के लिए यह निर्णय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि MSP प्रणाली उनकी आय की सुरक्षा करती है. खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा.
इस वर्ष की खरीफ कपास सीजन 1 अक्टूबर से शुरू हो गई है, और मंत्रालय ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को फसल बेचने में कोई परेशानी न हो.