गेहूं कटाई के बाद पंजाब में बढ़े पराली जलाने के मामले, इस जिले में 331 केस दर्ज

पंजाब में गेहूं की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. लुधियाना जिले में अब तक 331 मामले दर्ज हुए हैं. जुर्माना और FIR के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Published: 18 May, 2025 | 12:04 PM

गेहूं की कटाई का काम खत्म होते ही पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. सरकार की ओर से जागरूकता शिविर और सेमिनार जैसी कोशिशों के बावजूद खेतों में आग लगने के मामले थम नहीं रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के रिकॉर्ड के अनुसार, लुधियाना जिले में अब तक कुल 331 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. ये घटनाएं जिले के जगराओं, खन्ना, लुधियाना (ईस्ट), लुधियाना (वेस्ट), पायल, रायकोट और समराला तहसील में सामने आई हैं.

खास बात यह है कि पराली जलाने के सबसे ज्यादा 91 मामले पायल तहसील में सामने आए हैं. इसके बाद जगराओं में 84 और रायकोट में 54 घटनाएं दर्ज की गई हैं. लुधियाना (ईस्ट) से 38, लुधियाना (वेस्ट) से 44, समराला से 14 और खन्ना क्षेत्र से 6 मामले दर्ज हुए हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि ये केवल वे मामले हैं जो रिपोर्ट हुए हैं, जबकि कई घटनाएं बिना रिपोर्ट किए ही रह जाती हैं.

FIR दर्ज करने पर भी किसान जला रहे पराली

गोपनीयता की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा जुर्माना लगाने और कई मामलों में FIR दर्ज करने के बावजूद किसान पराली जलाना नहीं रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक गैर-जिम्मेदार और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक तरीका है. लेकिन इसके खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बावजूद राज्य के लगभग हर जिले से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं.

किसानों को किया जा रहा है जागरूक

अधिकारी ने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं कई तरह की परेशानियां पैदा करती हैं, जिनमें सबसे बड़ी समस्या वायु प्रदूषण की होती है. जैसे ही खेतों में आग लगती है, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तेजी से बिगड़ जाता है, जिससे इंसानों और जानवरों की सेहत पर गंभीर असर पड़ता है. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी पराली जलाने की घटनाएं लगातार जारी हैं. यानी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं.

हरियाणा में पराली जलाने की घटना में आई गिरावट

हालांकि, हरियाणा में गेहूं की पराली जलाने के ममाले में गिरावट आई है. इस साल 1 अप्रैल से 4 मई के बीच पराली जलाने के केवल 681 मामले सामने आए थे, जो पिछले चार सालों में सबसे कम हैं. जबकि, साल 2022 में 2,459, साल 2023 में 775 और साल 2024 में पराली जलाने के 1,157 मामले दर्ज किए गए थे.

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