दिल्ली में क्यों नहीं कम हो रहा है प्रदूषण का स्तर? जबकि पराली का योगदान केवल 3.5 फीसदी

दिल्ली में मंगलवार सुबह शहर घने कोहरे के छा जाने से दृश्यता बहुत कम हो गई और सड़क यातायात प्रभावित हुआ. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह 390 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.

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नोएडा | Updated On: 30 Dec, 2025 | 04:26 PM
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Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इससे सांस लेना दूभर हो गया है. इसी बीच खबर है कि दिल्ली के अंदर 2025 में पराली जलाने का पीएम2.5 प्रदूषण में योगदान सिर्फ 3.5 फीसदी था, जो 2020 के 13 फीसदी से काफी कम है. यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने एक RTI के जवाब में दी है. CPCB ने अभी तक दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्रोतों का कोई नया विस्तृत आंकड़ा जारी नहीं किया है और पुराने 2018 के TERI-ARAI रिपोर्ट पर ही भरोसा किया है.

आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2025 तक पराली जलाने का पीएम2.5 में योगदान क्रमशः 13 फीसदी, 13 फीसदी, 9 फीसदी, 11 फीसदी, 10.6 फीसदी और 3.5 फीसदी रहा. इसके अलावा, पिछले दो साल में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में लगभग 8,600 FIR दर्ज की गई और करीब 60 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया. खास बात यह है कि अभी भी किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और भारी जुर्माना लगाया जा रहा है, जबकि दिल्ली-एनसीआर  में बड़े प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण कमजोर है.

दिल्ली में क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में कचरा साल भर जलता रहता है. निर्माण और ध्वंस के नियम अक्सर नहीं माने जाते. सड़क की धूल कम करने के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं. डीजल जनरेटर बिना रोक-टोक चलते हैं. पुराने वाहन ज्यादा प्रदूषण छोड़ते हैं. उद्योग और थर्मल पावर प्लांट  लगातार प्रदूषक छोड़ते हैं. इन सभी स्रोतों का योगदान दिल्ली-एनसीआर के पीएम2.5 प्रदूषण में 85-90 फीसदी तक है. पीएम2.5 सबसे खतरनाक वायु प्रदूषक है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक, अस्थमा, गर्भावस्था जटिलताओं और समयपूर्व मृत्यु से जुड़ा है.

दिल्ली में मौसम का हाल

वहीं, दिल्ली में मंगलवार सुबह शहर घने कोहरे के छा जाने से दृश्यता बहुत कम हो गई और सड़क यातायात प्रभावित हुआ. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह 390 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रात और सुबह कोहरे की स्थिति 31 दिसंबर तक बनी रहेगी, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह 1 जनवरी तक जारी रहेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, शांत हवाएं, अधिक नमी और साफ आसमान लंबे समय तक कोहरे की वजह हैं. निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पल्लावत ने कहा कि कोहरे की तीव्रता थोड़ी कम हुई है, लेकिन यह कई दिनों तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि रात से सुबह तक हाईवे पर यात्रा जोखिम भरी रहेगी. सोमवार को न्यूनतम तापमान 8.3°C और अधिकतम 20.3°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब दो डिग्री अधिक था.

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Published: 30 Dec, 2025 | 04:21 PM

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