SKM ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, हिसार-रोहतक हाईवे पर उग्र प्रदर्शन..CM का करेंगे विरोध

संयुक्त किसान मोर्चा ने खेरी चोपटा मामले में दर्ज FIRs की वापसी की मांग को लेकर हिसार-रोहतक हाईवे के रामायण टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया. किसानों ने चेतावनी दी कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन तेज होगा और 9 जून को मुख्यमंत्री की रैली का विरोध किया जाएगा.

नोएडा | Updated On: 8 Jun, 2025 | 10:18 AM

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने हरियाणा सरकार के खिलाफ एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है. पुलिस-प्रशासन के रवैये से नाराज किसानों ने शनिवार को हिसार-रोहतक हाईवे पर बने रामायण टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने टोल प्लाजा पर पंचायत की और सख्त लहजे में चेतावनी दी. किसानों ने कहा कि अगर फरवरी 2024 के खेरी चोपटा मामले में दर्ज की गई FIRs को वापस नहीं लिया गया, तो वे अपना प्रदर्शन उग्र करेंगे.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने टोल प्लाजा पर पंचायत की और पिछले साल बेमौसम बारिश से खराब हुईं फसलों के लिए मुआवजे की मांग की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दो लेन टोल फ्री कर दीं और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे हाईवे जाम करेंगे. किसान नेताओं ने यह भी कहा कि अगर FIRs वापस नहीं ली गईं तो वे 9 जून को हिसार में होने वाली मुख्यमंत्री की रैली का विरोध करेंगे.

दिनभर टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात रहा

पंचायत में कई किसान यूनियनों, खापों और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. सुबह से ही लोग टोल प्लाजा पर जुटने लगे थे. यह प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से किया गया. हालांकि, किसानों ने साफ कहा कि अगर प्रशासन की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. वहीं, किसानों की पंचायत के चलते दिनभर टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात रहा और एहतियात के तौर पर बैरिकेड्स भी लगाए गए थे.

10 जून को हिसार के डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात होगी

SDM राजेश खोथ और DSP रविंद्र सांगवान मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की. अधिकारियों ने किसानों को 10 जून को हिसार के डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात का आश्वासन दिया. इसके बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया और पंचायत खत्म कर दी. साथ ही उन्होंने आंदोलन की अगली रणनीति तय करने के लिए 50 सदस्यों की एक कमेटी भी बना ली.

किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग

प्रदर्शन के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि फरवरी 2024 में खेरी चोपटा के पास किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद जिला प्रशासन से जो मौखिक समझौता हुआ था, उसके बावजूद किसानों पर FIR दर्ज की गईं, जो वादे के खिलाफ है. इस घटना में कई किसान घायल हुए थे. प्रदर्शन के दौरान कुछ किसानों पर प्रशासनिक अधिकारियों और वाहनों पर हमला करने के आरोप भी लगे थे.

ये किसान नेता हुए शामिल

इस मौके पर कैलाश मलिक, दशरथ मलिक, कुलदीप खरड़, दिलबाग सिंह हुड्डा और हर्षदीप गिल समेत कई खाप प्रतिनिधि और किसान नेता मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि 10 जून को डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए एक बैठक की जाएगी.

Published: 8 Jun, 2025 | 10:01 AM