Tamil Nadu News: हरियाणा-पंजाब में जहां धान की कटाई और खरीदी शुरू हो गई है, वहीं तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में किसान अभी धान की रोपाई की तैयारी कर रहे हैं. सुनने में जरा अटपटा सा लगेगा, लेकिन यही हकीकत है. दरअसल, रामनाथपुरम जिले के किसान श्रद्धा से धान की रोपाई की तैयारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि बारिश ना होने के चलते वे समय पर धान की रोपई नहीं कर पाए. अब जब बारिश का दौरा शुरू हुआ है, तो किसान हल-बैल लेकर खेत में कूद गए हैं. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि देर ही सही, पर बुवाई करने पर अच्छी पैदावार होगी.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, रामनाथपुरम जिले के किसानों को मॉनसून ने इस बार काफी निराश किया. हर साल सितंबर की शुरुआत में होने वाली बारिश इस बार एक महीने से ज्यादा देर से आई है. कुछ इलाकों में थोड़ी बहुत बारिश हुई, लेकिन किसान बता रहे हैं कि ये जरूरत के मुताबिक बिल्कुल भी नहीं थी. पुलावर वेलांगुडी गांव के किसान एस मुरुगन ने कहा कि उन्होंने यह सोचकर बीज बोना शुरू किया था कि इस बार बारिश समय पर होगी, लेकिन अब तक ढंग से बारिश नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पिछले कुछ सालों से मौसम बदल रहा है और किसान अब उस बदलाव के हिसाब से खेती में बदलाव कर रहे हैं.
वैगई नदी पर सिंचाई के लिए निर्भर हैं किसान
थोरुवलूर के एक और किसान पी. मुनीयाराज ने कहा कि वे वैगई नदी की सिंचाई पर निर्भर हैं, लेकिन इस बार वैगई डैम से छोड़ा गया पानी उनके इलाके तक नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा कि बारिश आमतौर पर इस पानी की कमी को पूरा कर देती थी, लेकिन इस बार बारिश भी नहीं हो रही, जिससे परेशानी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सूखे जैसी स्थिति तो नहीं है, लेकिन पानी की अनियमित आपूर्ति फसलों की बढ़त पर असर डाल सकती है.
चक्रवाती बारिश पर किसान निर्भर
हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि फसलें अब धीरे-धीरे नए मौसम और हालातों के हिसाब से खुद को ढाल रही हैं. कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अब हमें मौसमी बारिश नहीं, बल्कि चक्रवाती बारिश ही मिल रही है. बारिश का पैटर्न पूरी तरह बदल गया है. सितंबर की बारिश अब देर से आ रही है और इससे खेती पर असर होना तय है.
इस जिले में अधिक बारिश से किसान परेशान
खास बात यह है कि रामनाथपुरम जिले में जहां किसानों को बारिश का इंतजार है, वहीं तंजावुर जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इससे धान किसानों की परेशानी बढ़ गई है. ऐसे में किसान धान की कटाई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, धान में नमी बढ़े के कारण किसान अपनी उपज भी नहीं बेच पा रहे हैं. ऐसे में किसानों ने सरकार से धान की खरीद में नमी की सीमा 17 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी करने की की मांग की है.