Delhi Winter: सर्दियों की शुरुआत होते ही हिमालय की चोटियां सफेद चादर में लिपट जाती हैं, और तभी से दिल्ली और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंड का कहर बढ़ना शुरू हो जाता है. जैसे ही पहाड़ों पर बर्फ गिरती है, लोग महसूस करते हैं “ठंड और बढ़ने वाली है.” हिमालय की बर्फबारी और दिल्ली की ठंड के बीच का यह संबंध बेहद दिलचस्प और जटिल है, जो हवा की दिशा, पश्चिमी विक्षोभ और तापमान इनवर्जन जैसे कारकों से जुड़ा है. तो चलिए संझते हैं इसके पीछे का साइंस.
हिमालय की बर्फ और ठंडी हवाओं का जादू
जब हिमालय में भारी बर्फबारी होती है, तो वहां का तापमान अचानक बहुत नीचे चला जाता है. इस ठंडी और भारी हवा के कारण, मैदानी इलाकों में ठंड की चुभन महसूस होने लगती है. ठंडी हवा भारी होती है और नीचे की ओर बहती है, जबकि गर्म हवा हल्की होने के कारण ऊपर उठती है. यही वजह है कि हिमालय से उतरती ठंडी हवाएं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक पहुंचती हैं और ठंड को और बढ़ा देती हैं.
पश्चिमी विक्षोभ: हिमालय की बर्फ और दिल्ली की ठंड का पुल
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) भी दिल्ली की ठंड बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं. ये हवाएं भूमध्य सागर और अरब सागर से नमी लेकर आती हैं और जब हिमालय से टकराती हैं, तो बर्फबारी और बारिश होती है. इसके बाद हिमालय की ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों की ओर फैलती हैं, जिससे अचानक तापमान गिर जाता है और लोग सर्दी को कड़ाके के साथ महसूस करते हैं.
तापमान इनवर्जन और घना कोहरा
दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ अक्सर घना कोहरा भी छा जाता है. इसका मुख्य कारण है तापमान इनवर्जन (Temperature Inversion). सामान्य परिस्थितियों में ऊपर की हवा गर्म और नीचे की हवा ठंडी होती है, लेकिन इनवर्जन के समय यह उल्टा हो जाता है. ठंडी हवा जमीन के पास फंस जाती है और ऊपर की हवा अपेक्षाकृत गर्म हो जाती है. इससे सूरज की किरणें जमीन तक नहीं पहुंच पातीं और दिन में भी ठंड महसूस होती है. यही वजह है कि दिल्ली में कोहरा घना हो जाता है और ठंड और बढ़ जाती है.
हवा की दिशा और स्थानीय प्रभाव
उत्तर-पश्चिमी दिशा से आने वाली हवाएं हिमालय की ठंडी हवा को सीधे दिल्ली तक पहुंचाती हैं. इसके अलावा, शहर के खुले क्षेत्र, औद्योगिक धुआं और पेड़-पौधों का असर भी ठंड और कोहरे को बढ़ाने में योगदान देता है.
तो अगली बार जब दिल्ली में ठंड और घना कोहरा दिखाई दे, तो समझ जाइए कि इसका कारण सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि हिमालय की बर्फबारी, पश्चिमी विक्षोभ, हवा की दिशा और तापमान इनवर्जन जैसी प्राकृतिक प्रक्रियाएं हैं. ये सभी कारक मिलकर दिल्ली और उत्तर भारत में ठंड को तीव्र और महसूस करने लायक बना देते हैं.