Agriculture Loan: कृषि क्षेत्र के विकास में पैसों को रोड़ा नहीं बनने देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं. बीते सप्ताह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को वित्तीय मदद बढ़ाने के निर्देश बैंकों और नाबार्ड को दिए हैं. अब मध्य प्रदेश कैबिनेट ने किसानों को दिए जाने वाले फसल लोन पर लगने वाले ब्याज को माफ करने की घोषणा की है. राज्य सरकार के अनुसार किसानों की मदद के लिए 23 हजार करोड़ रकम सरकारी बैंकों के जरिए वितरित करने का निर्णय लिया गया है. लेकिन, किसानों को इस पर ब्याज नहीं देना होगा.
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने वित्तीय संकट से जूझ रहे किसानों की मदद के लिए 23 हजार करोड़ रुपये लोन के रूप में वितरण का लक्ष्य रखा गया है. मध्य प्रदेश सरकार लोन के रूप में किसानों को यह रकम सरकारी बैंकों के जरिए उपलब्ध कराएगी. किसानों को दिए जाने वाले लोन पर ब्याज माफ होगा, किसानों को बिना ब्याज के लोन राशि मिलेगी. यह शार्ट टर्म लोन राशि होगी.
डिप्टी सीएम ने दी कैबिनेट फैसलों की जानकारी
कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए शासकीय बैंकों के जरिए किसानों को शून्य फीसदी ब्याज पर ऋण देने की योजना को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 23 हजार करोड़ रुपये लोन के रूप में वितरण का टारगेट रखा है.
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फसल ऋण योजना को जारी रखने का निर्णय
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी. खरीफ 2025 सीजन के लिए लोन अदायगी की की ड्यू डेट 28 मार्च 2026 और रबी 2025-26 सीजन की ड्यू डेट 15 जून 2026 तय की गयी है.
किसानों के लोन की ब्याज रकम सरकार भरेगी
योजना के तहत खरीफ और रबी सीजन की निर्धारित तिथि (ड्यू डेट) तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) से 3 लाख रुपये तक के दिये गये अल्पावधि फसल ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा. राज्य शासन की ओर से सभी किसानों के लिए 1.5 फीसदी सामान्य ब्याज अनुदान और निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 फीसदी प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा. यानी किसानों के लोन की ब्याज रकम सरकार खुद वहन करेगी.