38 फीसदी महंगा हुआ बादाम, 3600 रुपये किलो हुई कीमत.. इस वजह से बढ़ा रेट

हैदराबाद में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 38 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. ममरा बादाम की कीमत 2,600 से बढ़कर 3,600 रुपये प्रति किलो हो गई है. आने वाले दिनों में कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 25 Jun, 2025 | 06:39 PM

हैदराबाद में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान हैं. ममरा बादाम की कीमत 2,600 से बढ़कर 3,600 रुपये प्रति किलो हो गई है. यानी कीमत में करीब 38.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह पिस्ता भी 900 से बढ़कर 1,200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. हालांकि, कहा जा रहा है कि इजराइल और ईरान में जारी टेंशन के चलते कीमतों में इतनी अधिक बढ़ोतरी हुई है. जानकारों का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष कम नहीं हुआ तो कीमतें और बढ़ सकती है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल- ईरान संघर्ष के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के चलते भी ड्राई फ्रूट्स महंगे हो रहे हैं. हाल ही में ईरान के सबसे बड़े समुद्री बंदरगाह ‘शहीद रजाई पोर्ट’ पर हुए धमाके ने हालात और बिगाड़ दिए, जिससे सामान की आवाजाही में भारी रुकावट आई है. ऐसे हैदराबाद का ड्राई फ्रूट और मसाला व्यापार काफी हद तक ईरान से होने वाले आयात पर निर्भर है. हर सीजन में यहां के बाजारों में पिस्ता, केसर, खजूर, ममरा बादाम और यहां तक कि सेब और कीवी जैसे ताजे फल भी ईरान से आते हैं.

इन देशों से होता है ड्राई फ्रूट्स का आयात

व्यापारियों का कहना है कि अगर ये हालात ऐसे ही बने रहे, तो दाम और बढ़ सकते हैं या फिर माल की सप्लाई प्रभावित हो सकती है. अफगान बागबान ड्राई फ्रूट्स हब के अमन खान ने कहा कि बाजार पर इस स्थिति का काफी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि हम आमतौर पर ड्राई फ्रूट्स और मसाले अफगानिस्तान, ईरान और तुर्की जैसे देशों से मंगाते हैं. लेकिन वेस्ट एशिया में जारी तनाव चिंता का कारण बना हुआ है.

पहले रोज होती थी 20 कंटेनर सप्लाई

अमन खान का कहना है कि अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने के कारण अब आयातकों को जमीन या समुद्री रास्तों की बजाय एयर कार्गो पर निर्भर होना पड़ रहा है. उनका कहना है कि पिस्ता आमतौर पर ईरान से आता है. पहले हम मुंबई के रास्ते हर दिन 15 से 20 कंटेनर मंगवाते थे, अब यह संख्या घटकर सिर्फ 6 से 10 कंटेनर रह गई है.

इस वजह से बढ़ जाती है लागत

उन्होंने आगे कहा कि एयर कार्गो से माल मंगवाना बहुत महंगा पड़ता है और यह लंबे समय तक चलने वाला समाधान नहीं है. इसकी वजह से लागत बढ़ जाती है और आखिरकार इसका असर ग्राहकों पर पड़ता है. अमन खान ने कहा है कि यह संकट ऐसे समय में आया है जब त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है, जब ड्राई फ्रूट्स की मांग सबसे ज्यादा होती है. वहीं, व्यापारियों के बीच इस बात को लेकर भी चिंता बढ़ रही है कि अगर इजराइल-ईरान का तनाव और बढ़ा तो हालात और बिगड़ सकते हैं.

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Published: 25 Jun, 2025 | 06:38 PM

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