चीन में सोया तेल की भरमार, भारत बना सबसे बड़ा खरीदार- जानिए क्यों बढ़ रहा है आयात?

चीन ने दक्षिण अमेरिका और अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोयाबीन खरीदा था. लेकिन जब मांग नहीं बढ़ी तो फैक्ट्रियां लगातार प्रोसेसिंग करती रहीं, जिससे तेल का अतिरिक्त भंडार बन गया. यही तेल अब विदेशों, खासकर भारत, को भेजा जा रहा है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 26 Nov, 2025 | 08:14 AM

Oil Exports: चीन में इन दिनों सोयाबीन तेल की ऐसी भरमार हो गई है कि वहां की फैक्ट्रियां घरेलू मांग पूरी न होने के कारण तेल को विदेशों में भेज रही हैं. इस स्थिति का सबसे बड़ा फायदा मिला है भारत को, जो दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन तेल आयातक है. चीन से आने वाला यह सस्ता और जल्दी पहुंचने वाला तेल अब भारतीय बाजारों की जरूरत तेजी से पूरी कर रहा है.

चीन में मांग घटी, तेल का स्टॉक बढ़ा

चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन तेल उत्पादक देश है. वहां हर साल करीब 2 करोड़ टन तेल तैयार होता है. पहले यह लगभग पूरा तेल चीन के अंदर ही खप जाता था. लेकिन इस बार स्थिति अलग है, चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त होने से लोग बाहर खाना कम खा रहे हैं, रेस्टोरेंट्स की मांग गिर गई है और उसका सीधा असर पड़ा है सोया तेल की खपत पर.

नतीजा यह हुआ कि फैक्ट्रियों में तेल का स्टॉक बढ़ता गया. नवंबर के मध्य तक चीन में सोया तेल का भंडार 10 लाख टन से ऊपर पहुंच गया, जो पिछले सात वर्षों में सबसे ज्यादा है.

दूसरी तरफ लगातार बढ़ा आयात

चीन ने दक्षिण अमेरिका और अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोयाबीन खरीदा था. लेकिन जब मांग नहीं बढ़ी तो फैक्ट्रियां लगातार प्रोसेसिंग करती रहीं, जिससे तेल का अतिरिक्त भंडार बन गया. यही तेल अब विदेशों, खासकर भारत, को भेजा जा रहा है.

अक्टूबर महीने में चीन ने रिकॉर्ड 70,877 टन सोयाबीन तेल विदेश भेजा, जिसमें ज्यादातर भारत आया. जनवरी से अक्टूबर तक चीन ने 3.29 लाख टन तेल निर्यात कर दिया, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है.

भारत के लिए क्यों फायदेमंद है यह आयात?

पतनंजलि फूड्स समेत कई भारतीय कंपनियों ने बताया कि चीन से आने वाला तेल गुणवत्तानुसार दक्षिण अमेरिका जैसा ही है, लेकिन कीमतें 10–15 डॉलर प्रति टन सस्ती हैं. सिर्फ 10–12 दिन में भारत के पूर्वी तट पर पहुंच जाता है, जबकि ब्राजील-आर्जेंटीना से आने में 50–60 दिन लगते हैं. ऐसे में चीन भारतीय बाजार के लिए तेज, सस्ता और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बन रहा है.

आयात में और बढ़ोतरी की संभावना

नवंबर में भारत ने पहले ही लगभग 70,000 टन सोया तेल चीन से आयात किया है, जो महीने के अंत तक 82,000 टन तक पहुंच सकता है.
अप्रैल 2025 तक छह महीनों में चीन से कुल आयात 3.5 लाख टन तक होने का अनुमान है. इससे चीन भारत का तीसरा सबसे बड़ा सोया तेल सप्लायर बन सकता है.

दोनों देशों के रिश्तों में सुधार भी बना कारण

हाल ही में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता हुआ, जिसके बाद चीन ने फिर से अमेरिकी सोयाबीन खरीदना शुरू कर दिया.
साथ ही भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध भी धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं. इसी वजह से दोनों देशों के बीच तेल व्यापार अब और सक्रिय होता दिख रहा है.

चीन की भरमार होगी भारत का सहारा

चीन की अर्थव्यवस्था में तेजी नहीं लौटती, तब तक वहां की फैक्ट्रियां सोया तेल का उत्पादन कम नहीं करेंगी. विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू मांग को सामान्य होने में अभी समय लगेगा. इस बीच चीन का यह अतिरिक्त तेल भारतीय बाजार में सप्लाई बनाए रखने में मदद करता रहेगा. सोया तेल की खपत भारत में लगातार बढ़ रही है, ऐसे में चीन का यह व्यापारिक बदलाव भारतीय उपभोक्ताओं के लिए राहत बनकर आया है.

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