बारिश खेती के लिए एक वरदान मानी जाती है, लेकिन जब बारिश जरूरत से ज्यादा हो जाए तो यही वरदान मुसीबत बन सकता है. भारत की खेती मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर है, लेकिन ज्यादा बारिश फसलों की जड़ों को सड़ा सकती है, मिट्टी को बहा सकती है और रोगों को जन्म दे सकती है. ऐसे में जरूरत है समझदारी और सही रणनीति की, ताकि फसल को भारी बारिश में भी बचाया जा सके. आइए जानते हैं कुछ आसान, जमीनी और कारगर उपाय जिनसे आप भारी बारिश में भी अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं.
1. जैविक मल्च का उपयोग करें
भारी बारिश से मिट्टी कटाव (soil erosion) होता है जिससे जड़ें बाहर आ जाती हैं और फसल बर्बाद हो जाती है. इससे बचने के लिए फसलों के आसपास सूखी पत्तियां, भूसा, लकड़ी की बुरादे जैसी जैविक मल्च की 1–2 इंच की परत बिछाएं. यह मिट्टी को जगह पर बनाए रखती है, नमी बचाती है और फसल की जड़ों को सुरक्षा देती है.
2. कंटूर खेती अपनाएं
खेतों को ढलान के अनुसार घुमावदार आकार में तैयार करें और उभरी हुई क्यारियों में फसल बोएं. इससे पानी सीधा फसल में जाने की बजाय किनारों से बह जाता है और जलभराव से बचाव होता है. मिट्टी भी अपनी जगह बनी रहती है.
3. जल निकासी की व्यवस्था सुधारें
खेतों में नालियों, गड्ढों या पाइप के माध्यम से पानी की निकासी का इंतजाम करें. ज्यादा बारिश में जब पानी भरता है, तो यह व्यवस्था खेत को जलभराव से बचाती है और जड़ों को सड़ने नहीं देती.
4. फसल चक्र अपनाएं
हर साल एक ही फसल बोने के बजाय गहरी जड़ वाली फसलें जैसे दलहन या अनाज वाली फसलें बोएं. इससे मिट्टी की मजबूती बढ़ती है और बारिश की मार को झेलने की ताकत मिलती है.
5. बोआई का सही समय तय करें
मानसून के आने से पहले या बाद में, मौसम की जानकारी के आधार पर बुवाई करें. समय से की गई बुवाई से पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं और वे भारी बारिश सहने में सक्षम होते हैं.
6. फसलों को सहारा दें
भारी बारिश में बड़े पत्तों या फल वाली फसलें गिर सकती हैं. इन्हें गिरने से बचाने के लिए लकड़ी या डंडियों का सहारा दें. इससे फसलें सीधी बनी रहती हैं और टूटने या खराब होने से बचती हैं.
7. फसलों को ढंकें
प्लास्टिक शीट, नेटिंग, तिरपाल या पंक्ति ढकने वाले कवर से फसल को ढकें. इससे तेज बारिश की बूंदें सीधे पत्तियों पर नहीं गिरतीं और फसल को यांत्रिक क्षति नहीं होती. साथ ही यह तेज हवा से भी बचाव करता है.
8. वायु अवरोधक (Windbreakers) लगाएं
तेज हवाओं से बचाव के लिए खेत के किनारों पर पेड़, झाड़ियां या बाड़ लगाएं. ये प्राकृतिक दीवार की तरह काम करते हैं और फसल को हवा से होने वाले नुकसान से बचाते हैं.
9. नियमित निगरानी और निरीक्षण करें
मानसून के मौसम में खेतों की लगातार निगरानी करें. कहीं जलभराव तो नहीं, पत्तियों पर रोग के लक्षण तो नहीं, इन सब बातों पर ध्यान दें ताकि समय रहते उपाय किए जा सकें.
10.PM फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं
भारी बारिश से फसल को 100% बचा पाना संभव नहीं होता. इसलिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ लें. यह योजना बारिश, सूखा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करती है.