खरीफ फसलों का रकबा 6.51 लाख हेक्टेयर बढ़ा, भरपूर उपज से चावल-गेहूं का स्टॉक फुल

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक में खरीफ और रबी फसल, सब्जियों की बुवाई, स्टॉक और उर्वरक उपलब्धता पर चर्चा हुई. किसानों के लिए बेहतर उत्पादन और आय सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Oct, 2025 | 05:27 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कृषि क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में खरीफ और रबी फसलों की स्थिति, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी, उर्वरक उपलब्धता, जलाशयों की स्थिति और बाजार मूल्य जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए और किसानों के लिए बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करने के उपायों पर जोर दिया. बैठक में कृषि अधिकारियों ने खरीफ फसलों के बुवाई क्षेत्र, विभिन्न फसलों की स्थिति और आगामी सीजन की तैयारियों की जानकारी दी.

खरीफ फसलों का क्षेत्रफल 6.51 लाख हेक्टेयर बढ़ा

बैठक में बताया गया कि इस साल खरीफ फसलों  का कुल बुवाई क्षेत्र पिछले साल की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर बढ़कर 1121.46 लाख हेक्टेयर हो गया है. गत वर्ष यह क्षेत्रफल 1114.95 लाख हेक्टेयर था. गेहूं, धान, मक्का, गन्ना और दलहन की बुवाई भी पिछली वर्ष की तुलना में बढ़ी है. उड़द की बुवाई में भी वृद्धि हुई है. वर्ष 2024-25 में उड़द का बुवाई क्षेत्र 22.87 लाख हेक्टेयर था, जो इस साल बढ़कर 24.37 लाख हेक्टेयर हो गया. कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण किसानों की जागरूकता और बेहतर मौसम की स्थिति है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल की स्थिति

बैठक में बाढ़ प्रभावित जिलों की स्थिति पर भी चर्चा हुई. केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों  का दौरा किया था. अधिकारियों ने बताया कि कुछ राज्यों में अतिवृष्टि के कारण फसलें प्रभावित हुई हैं, लेकिन बाकी क्षेत्रों में मानसून की अच्छी स्थिति के कारण फसल अच्छी हुई है. इसका सकारात्मक प्रभाव रबी सीजन की बुवाई और उत्पादन पर भी देखने को मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को तुरंत मदद और फसल बचाव के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

सब्जियों की बुवाई में बढ़ोतरी

बैठक में आलू, प्याज और टमाटर की बुवाई की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई. अधिकारियों ने बताया कि प्याज का बुवाई  क्षेत्र पिछले साल 3.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 3.91 लाख हेक्टेयर हो गया है. आलू का क्षेत्र भी 0.35 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.43 लाख हेक्टेयर हो गया है. टमाटर की बुवाई में भी वृद्धि हुई है, जो पिछले साल 1.86 लाख हेक्टेयर थी और इस साल बढ़कर 2.37 लाख हेक्टेयर हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि सभी सब्जियों की बुवाई निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप तेजी से बढ़ रही है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.

Shivraj Singh Chauhan

Shivraj Singh Chauhan

चावल और गेहूं के स्टॉक की स्थिति

बैठक में केंद्रीय मंत्री को चावल और गेहूं  के स्टॉक के बारे में जानकारी दी गई. अधिकारियों ने बताया कि चावल और गेहूं के वास्तविक स्टॉक बफर मानक से भी अधिक हैं. इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में किसानों और आम लोगों दोनों के लिए अनाज की आपूर्ति सुरक्षित है. स्टॉक की यह बढ़त किसानों को उचित मूल्य और बाजार में स्थिरता दोनों उपलब्ध कराएगी.

जलाशयों में बेहतर संग्रहण

बैठक में जलाशयों की स्थिति पर भी चर्चा हुई. अधिकारियों ने बताया कि पूरे देश में जलाशयों की स्थिति पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर है. 161 प्रमुख जलाशयों में इस समय उपलब्ध संग्रहण:-

  • पिछले वर्ष की इसी अवधि का 103.51 प्रतिशत
  • पिछले दस वर्षों के औसत का 115 प्रतिशत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेहतर जलाशय स्थिति से खरीफ और रबी दोनों फसलों में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी और किसानों को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

उर्वरक उपलब्धता और दिशा-निर्देश

बैठक में उर्वरक की उपलब्धता की जानकारी भी साझा की गई. केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को आगामी दिनों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मिलना चाहिए. इसके लिए मंत्रालय और राज्यों के बीच समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए. अधिकारियों ने बताया कि उर्वरकों की आवश्यकता के अनुसार राज्य सरकारों से समन्वय कर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित उर्वरक वितरण से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन  दोनों में वृद्धि होगी.

केंद्रीय मंत्री ने दिए किसानों के हित में सुझाव

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को मौसम की सटीक जानकारी और बुवाई के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाए, जिससे वे सही समय पर फसल की तैयारी कर सकें. इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में फसल बचाव और राहत योजनाओं को तेजी से लागू करने पर जोर दिया गया. मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि उर्वरक, बीज और सिंचाई के संसाधनों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. किसानों को उत्पादन और आय बढ़ाने के लिए निरंतर मार्गदर्शन और सहारा दिया जा

किसानों के लिए अच्छे संकेत

बैठक में हुई सभी चर्चाओं और तैयारियों से किसानों के लिए एक सकारात्मक संदेश गया है. खरीफ फसल का क्षेत्रफल बढ़ा है, सब्जियों की बुवाई तेज है, जलाशयों में पानी पर्याप्त है और उर्वरक की उपलब्धता  सुनिश्चित की जा रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल किसानों को उच्च उत्पादन और बेहतर आमदनी मिलने की संभावना है. किसानों की मेहनत और सरकार की तैयारियों से आने वाले मौसम में फसलों का संतुलित उत्पादन और बाजार में स्थिरता बनी रहेगी.

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Published: 13 Oct, 2025 | 04:30 PM

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