Cotton Cultivation: केंद्र सरकार ने कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 600 करोड़ रुपये का ‘कपास क्रांति मिशन’ शुरू किया है. इस योजना का मकसद उच्च गुणवत्ता वाले लंबे रेशा कपास की खेती को वैज्ञानिक शोध, तकनीकी नवाचार और एक्सटेंशन सेवाओं के जरिए बढ़ावा देना है. महाराष्ट्र के अकोला क्षेत्र में किसान हाई-डेन्सिटी प्लांटेशन (HDP) पद्धति अपना रहे हैं, जिससे पैदावार में काफी बढ़ोतरी हुई है. अब सरकार चाहती है कि तेलंगाना के उपयुक्त क्षेत्रों में भी यह मॉडल लागू हो. इसके लिए किसानों को महाराष्ट्र ले जाकर HDP तकनीक को सीधे दिखाया जाएगा, उन्हें सही बीज उपलब्ध कराए जाएंगे और इस पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
खास बात यह है कि ये जानकारी केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने दी है. उन्होंने कहा है कि अकोला में फसल कटाई के बाद किसानों की एक अध्ययन यात्रा भी कराई जाएगी, ताकि वे सफल खेती का अनुभव ले सकें. जी किशन रेड्डी ने मौजूदा कपास खरीद पर बात करते हुए कहा कि तेलंगाना ‘कपास किसान ऐप’ के करीब 24 लाख किसान कपास की खेती कर रहे हैं, जिससे यह राज्य देश का सबसे बड़ा कपास उत्पादक बन गया है. कपास खरीद प्रक्रिया को बेहतर बनाने और प्रचार के लिए 21 से 24 अक्टूबर तक गांवों में पांच दिन का जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
122 कपास खरीद केंद्र शुरू किए जाएंगे
उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद तेलंगाना में करीब 122 कपास खरीद केंद्र शुरू किए जाएंगे. हर केंद्र पर जिला कलेक्टर की अगुवाई में एक समिति बनाई गई है, जिसमें अधिकारी, पुलिस, राजस्व विभाग और किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे. इनका काम किसानों की शिकायतों का समाधान करना और किसी तरह के शोषण को रोकना होगा. उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप ‘कपास किसान ऐप’ भी लॉन्च किया जाएगा. यह ऐप दिवाली के बाद लाइव होगा, जिससे किसान अपने स्लॉट बुक कर सकेंगे और तय समय पर अपनी फसल बेच सकेंगे. इससे बिचौलियों से बचाव होगा और किसानों को उचित दाम व पारदर्शी प्रक्रिया मिलेगी.
इस बार 345 जिनिंग सेंटर्स तय किए गए हैं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना में इस बार 345 जिनिंग सेंटर्स तय किए गए हैं, जिनके साथ कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने समझौते कर लिए हैं. गांव-गांव में स्लॉट बुकिंग की जानकारी किसानों तक पहुंचाने का काम कृषि अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों द्वारा किया जा रहा है. अदिलाबाद, वारंगल और महबूबनगर के CCI अधिकारियों और तेलंगाना के कृषि व सहकारी विभाग के अफसरों के साथ एक रिव्यू मीटिंग भी हुई. इसमें उठे मुद्दों को अब कपड़ा मंत्रालय और CCI मुख्यालय तक पहुंचाया जाएगा, ताकि समाधान मिल सके.
सरकार ने 173 लाख गांठ कपास खरीदा
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि साल 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार ने 173 लाख गांठ कपास खरीदी, जिसकी कीमत 24,825 करोड़ रुपये थी. वहीं, 2014 से 2024 तक यह खरीद बढ़कर 473 लाख गांठ हो गई और 1.37 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों को ज्यादा समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी लगभग दोगुना हो गया है.