योगी सरकार का काऊ टूरिज्म पर फोकस, हर जिले में आदर्श गौशाला बनाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार गौशालाओं को अब सिर्फ पशु संरक्षण तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उन्हें पर्यटन और रोजगार से जोड़ने की योजना बना रही है. हर जिले में आदर्श गौशाला बनेगी, जहां सेवा के साथ आय बढ़ाने की नई व्यवस्था होगी.

Kisan India
नोएडा | Published: 16 Oct, 2025 | 01:40 PM

Cow Tourism Model : उत्तर प्रदेश सरकार अब गायों की सेवा को सिर्फ धर्म से नहीं बल्कि रोजगार और पर्यटन से भी जोड़ने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि राज्य की हर गोशाला अपने पैरों पर खड़ी हो और लोगों के लिए कमाई का साधन बने. इसी मिशन के तहत अब हर जिले में एक आदर्श गौशाला बनाई जाएगी, जिसे पर्यटन स्थल यानी काऊ टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा.

सरकार का मानना है कि गाय सिर्फ पूजा के लिए नहीं बल्कि आमदनी का बड़ा स्रोत भी बन सकती है. गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में अगर सही तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाए तो गांवों में हजारों लोगों को काम मिल सकता है. खास बात यह है कि इस योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों को भी हिस्सा मिलेगा, जिससे ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी.

हर जिले में बनेगी मॉडल गौशाला

सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक आदर्श गौशाला बनाई जाएगी, जिसमें गायों की देखभाल के साथ-साथ आगंतुकों के लिए घूमने और सीखने की व्यवस्था होगी. यह गौशालाएं सिर्फ चरागाह नहीं होंगी बल्कि टूरिस्ट स्पॉट की तरह तैयार की जाएंगी, जहां लोग आकर देसी गायों का महत्व, उनके उत्पाद और खेती में उनके उपयोग को करीब से समझ सकें

गोबर और गोमूत्र बनेंगे कमाई का जरिया

अब तक गोबर को सिर्फ कूड़ा समझा जाता था, लेकिन सरकार ने इसे सोना बनाने का प्लान तैयार किया है. दीपावली के समय गोबर से बने दीपक, मूर्तियां और सजावटी सामान बाजार में उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे गोशालाएं कमाएंगी और लोग “वोकल फॉर लोकल” के तहत देशी उत्पादों का इस्तेमाल बढ़ाएंगे.

महिला समूहों को मिलेगा बड़ा रोल

गांवों में महिला  स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) को खास तौर पर इस मिशन में जोड़ा जाएगा. ये महिलाएं गोबर से खाद, धूपबत्ती, बर्तन धोने का पाउडर, फर्श साफ करने का लिक्विड जैसे उत्पाद तैयार करेंगी. सरकार इनके मार्केटिंग की भी व्यवस्था करेगी, ताकि उत्पाद सीधे बाजार तक पहुंच सकें.

4. ग्रामीणों को मिलेंगे रोजगार के नए मौके

इस काऊ टूरिज्म मॉडल  से सिर्फ गाय नहीं, गांव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. गोबर इकट्ठा करने से लेकर उत्पाद बनाने और बेचने तक हर चरण में ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के मौके तैयार होंगे. इससे लोग शहरों की तरफ पलायन कम करेंगे और गांव में ही काम पा सकेंगे.

त्योहारों पर गोबर के उत्पादों का होगा विशेष प्रचार

दीपावली के समय गोबर से बने दिए, मूर्ति और सजावटी सामग्री  का बड़े पैमाने पर प्रचार किया जाएगा. मंत्री धर्मपाल सिंह ने साफ कहा है कि इस बार दीपावली देसी अंदाज में मनाई जाएगी. सरकार इसका प्रचार सोशल मीडिया, बाजारों और स्कूलों तक करेगी.

गोवंश संरक्षण के साथ स्वदेशी उद्योग को मिलेगी ताकत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि गौशालाएं सिर्फ सेवा का केंद्र नहीं बल्कि स्वदेशी उद्योग का आधार बन सकती हैं. इस योजना से देसी गायों का संरक्षण भी होगा और देसी उत्पादों  को नई पहचान भी मिलेगी. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन सकता है जहां गौमाता पर्यटन और उद्योग दोनों का केंद्र बनेगी.

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Published: 16 Oct, 2025 | 01:40 PM

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