खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को लागू कर रहा है. 30 जून 2025 तक इस योजना के तहत 1601 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनकी कुल लागत 30,656.57 करोड़ रुपये है और इसमें 8,853.38 करोड़ रुपये की ग्रांट (सहायता राशि) स्वीकृत की गई है. खास बात यह है कि जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की कई स्कीमों के तहत 52 नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है.
खास बात यह है कि इन स्कीमों में से एक प्रोजेक्ट को फूड सेफ्टी और क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत चालू भी कर दिया गया है. क्योंकि फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोसेसिंग सुविधाएं बेहद जरूरी हैं. PMKSY की सब-स्कीमों के तहत उद्यमियों को कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजरेटेड वाहन जैसी संरचनाएं बनाने के लिए सरकारी अनुदान दिया जाता है, जिससे फसलों को सुरक्षित रखकर नुकसान को कम किया जा सके.
फसल की बर्बादी कुछ हद तक कम हुई
नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज (NABCONS) ने 2020 में एक अध्ययन किया. यह अध्ययन खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की कोल्ड चेन स्कीम पर आधारित था. अध्ययन में पाया गया कि इस स्कीम से कई यूनिट्स शुरू हुईं. इनकी वजह से सभी क्षेत्रों में फसल की बर्बादी कुछ हद तक कम हुई है. हालांकि, फल-सब्जियां, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में बर्बादी में खासतौर पर बड़ी कमी देखी गई है. यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवीनीत सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी.
सरकार ने किसानों के हित में 37 बड़े फैसले लिए
वहीं, कल यानी 31 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों के हित में 37 बड़े फैसले लिए थे. इनमें फसलों के एमएसपी से लेकर पशुपालन, डेयरी, स्मार्ट फार्मिंग और ऑर्गेनिक खेती समेत कई योजनाओं के लिए मोटी रकम जारी करने का ऐलान किया गया था. केंद्र सरकार ने कोऑपरेटिव सोसाइटीज को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया था. उसने कोऑपरेटिव सोसाइटीज के लिए लोन लिमिट बढ़ा दी. उसके इस फैसले से किसानों को सीधा फायदा होगा.
NCDC से 94 फीसदी किसान जुड़े हुए हैं
सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) को अनुदान सहायता नामक केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों के लिए कुल 2000 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. खास बात यह है कि हर साल 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. NCDC से 94 फीसदी किसान जुड़े हुए हैं. साथ ही सरकार ने पशुपालकों और मछली पालकों को भी बड़ा गिफ्ट दिया था.