फसल बीमा और धान खरीद के बाद अब मनरेगा में बड़ा घोटाला, नहर सफाई के नाम पर पैसा डकार गए अफसर

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत नहरों की सफाई और सड़कों की मरम्मत के नाम पर जमकर पैसा निकाला गया. ओवर स्टीमेट बनाए गए और खर्च से अधिक का बिल बनाकर भ्रष्टाचार और गबन किया गया है. उन्होंने कहा कि योजना में जिन कार्यों की अनुमति नहीं है वे भी कराए गए और भ्रष्टाचार किया गया.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 30 Dec, 2025 | 03:30 PM
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MGNREGA Scam Punjab: किसानों और ग्रामीणों से जुड़ी योजनाओं में लगातार भ्रष्टाचार और घोटालों का खुलासा हो रहा है. हरियाणा में धान घोटाला पकड़ा गया है. जबकि उत्तर प्रदेश के महोबा समेत कई जिलों में पीएम फसल बीमा योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की घपलेबाजी की गई है. अब पंजाब में मनरेगा का कार्यों में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. मनरेगा के तहत सिंचाई के लिए नहरों की सफाई के नाम पर और सड़कों-रास्तों की मरम्मत करने के एवज में पैसा निकाला गया और बिना काम किए मिलीभगत कर अफसर और घोटालेबाज पैसा डकार गए. जबकि, दोनों कार्यों के लिए जितनी रकम खर्च की जानी चाहिए उससे ज्यादा का बिल बनाया गया. इन गंभीर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच केंद्र सरकार करा रही है और आरोपियों को जेल भेजने के साथ कठोर कार्रवाई शुरू की गई है.

मनरेगा में गबन के 10,653 मामलों का खुलासा

मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर घोटाले का खुलासा हुआ है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंजाब में मनरेगा में करप्शन के कई मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में सोशल ऑडिट 13,304 ग्राम पंचायतों में से केवल 5,915 में हुआ. वित्तीय गबन के लगभग 10,653 मामले सामने आए, लेकिन उनमें आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की गई.

नहर सफाई और सड़क मरम्मत के नाम पर पैसा निकाला

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत नहरों की सफाई और सड़कों की मरम्मत के नाम पर जमकर पैसा निकाला गया. ओवर स्टीमेट बनाए गए और खर्च से अधिक का बिल बनाकर भ्रष्टाचार और गबन किया गया है. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि केंद्रीय टीम ने जांच कर वसूली की अनुशंसा की तो उसकी वसूली भी नहीं की गई. जिन्होंने ये भ्रष्टाचार किया, दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

योजना में जिन कामों की अनुमित नहीं वे भी कराए गए

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब में कई अपात्र गतिविधियां पकड़ी गईं, जिनकी योजना में अनुमति ही नहीं है. मेड़ निर्माण, मिट्टी भराई जैसे कई अनियमित काम किए गए हैं और अनियमित खर्च किया गया है. मजदूर वहां शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें मजदूरी नहीं मिली है. भ्रष्टाचार दूर करने के लिए पंजाब सरकार काम नहीं कर रही है.

विकसित भारत जी राम जी बिल पर सुनवाई में गायब रहे नेता अब कर रहे दादागिरी

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह आश्चर्य है कि पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है, और उसके एजेंडे में संसद द्वारा पारित ‘विकसित भारत – जी राम जी’ कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की बात शामिल है. इतने महत्वपूर्ण बिल पर नेता प्रतिपक्ष ही लोकसभा से गायब रहे. उन्होंने कहा कि विकसित भारत – जी राम जी योजना के तहत गांवों को विकास से जोड़ने का संकल्प है. इसमें ग्राम पंचायत और ग्राम सभा तय करेगी कि गांव में कौनसे कार्य होंगे. उन्होंने कहा कि विकसित भारत – जी राम जी योजना बहुत उपयोगी योजना है.

उत्तर प्रदेश में फसल बीमा योजना में 5 करोड़ से अधिक का घोटाला

PM Fasal Bima Fraud: पीएम फसल बीमा योजना में कई करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा गया है. यूपी के महोबा समेत तमाम जिलों में हुए घोटाले का दायरा बुंदेलखंड से बाहर जाकर ब्रज क्षेत्र तक पहुंच गया है. महोबा जिले के कुछ सजग किसानों द्वारा उजागर किए गए इस मामले में 5 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाला खुलासा हुआ है. जालसाजों में नदी, नहर, सरकारी जमीन पर फर्जी तरीके से फसल बीमा कराकर बीमा कंपनियों से क्लेम की राशि लेकर डकार गए हैं. यहां तक कि झांसी के सांसद अनुराग शर्मा की जमीन पर कराए गए फसल बीमा के क्लेम का भुगतान महोबा जिले के चरखारी में हो गया. फसल बीमा के जालसाजों ने सांसद की नयागांव स्थित जमीन, जिसकी खतौनी संख्या 701 है, पर कराए गए बीमा का पैसा भी ले लिया. यह पैसा चरखारी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एवं बैंक ऑफ बड़ौदा में शिवकुमार और पूनम देवी नामक खाताधारक के बैंक खाते में जमा कराई गई. इसी तरह कई किसानों की फसलों का फर्जी तरीके से बीमा कराकर क्लेम राशि हजम कर ली गई है.

हरियाणा में ज्यादा धान खरीद दिखाकर घोटालेबाजी

Haryana Paddy Scam: हरियाणा के करनाल और फतेहाबाद में धान घोटाला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई जिलों में कागजों में फर्जी खरीद के मामले सामने उजागर हुए हैं. इसकी पहली बड़ी कड़ी करनाल में खुली, जहां 6 FIR दर्ज हुईं और 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई. जांच में पता चला कि जो धान मंडियों तक पहुंचा ही नहीं, उसे भी खरीदा हुआ दिखाया गया था, जिससे एक संगठित घोटाले का खुलासा हुआ. फतेहाबाद में भी किसानों ने धान खरीद में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है.

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Published: 30 Dec, 2025 | 03:15 PM

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