सड़क और पार्सल ट्रेन से कश्मीर के फलों की सप्लाई हुई तेज, 10 दिन में 1.3 लाख टन फल पहुंचा बाजार

पार्सल ट्रेन से यात्रा के दौरान कूलिंग सिस्टम वाले पैनल और रैक लगाए गए हैं, जिससे फल सुरक्षित रहकर तेजी से बाजार पहुंच रहे हैं और आपूर्ति भी स्थिर बनी हुई है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 24 Sep, 2025 | 07:48 AM

Kashmir Fruit: कश्मीर घाटी में इस साल की फसल को लेकर खुशखबरी है. पिछले 10 दिनों में घाटी से पूरे देश के बाजारों में 1.3 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा ताजा फल पहुंचाए गए हैं. ये आंकड़ा प्रशासन और किसानों दोनों के लिए राहत का सबूत है. कश्मीर डिविजनल कमिश्नर अंशुल गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रोजाना लगभग 1,500 से 2,000 ट्रक ताजे फल और अन्य जरूरी सामान लेकर घाटी में इकट्ठा होते हैं. इन्हें श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे और मुगल रोड के माध्यम से वैकल्पिक दिन भेजा जाता है.

सड़क मार्ग और SOP की व्यवस्था

kashmir observer की खबर के अनुसार, कमिश्नर गर्ग ने बताया कि मुख्य सचिव की देखरेख में जिला प्रशासन, BRO, ट्रैफिक और नेशनल हाईवे प्राधिकरण ने मिलकर एक SOP बनाई है. इस SOP के तहत फलों और जरूरी सामान की ढुलाई सुचारू रूप से होती है. ट्रैफिक पुलिस कर्मी 24 घंटे निगरानी रखते हैं.

उन्होंने बताया, “यदि किसी दिन नेशनल हाईवे से श्रीनगर से जम्मू की ओर वाहनों की आवाजाही होती है, तो अगले दिन मुगल रोड से जम्मू से श्रीनगर की ओर ट्रैफिक चलेगा. इस तरह रोजाना सामान की आवाजाही बाधित नहीं होती.”

सड़क की स्थिति पर गर्ग ने कहा कि हाल ही में खराब मौसम और भूस्खलन के कारण सड़क बंद रही थी, लेकिन अब मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. पहले लगभग 1,5002,000 ट्रक रोजाना चलते थे, अब यह संख्या बढ़कर 4,0004,500 ट्रक प्रतिदिन हो गई है.

पार्सल ट्रेन सेवा से और सुविधा

घाटी से नई दिल्ली तक पार्सल ट्रेन सेवा भी चालू है. रोजाना 8001,000 टन ताजा फल इस सेवा के माध्यम से भेजे जाते हैं. उत्तर और दक्षिण कश्मीर के किसान अब बरमूला और अनंतनाग से आसानी से फल लोड कर सकते हैं.

नॉर्दन रेलवे ने 21 कंटेनर आधारित वैगन भी तैनात किए हैं, जो खासकर सेब ले जाने के लिए हैं. इन वैगनों में प्रत्येक में 76 कंटेनर होते हैं, जिनमें 40 किलो फल रखा जा सकता है.

किसानों और आपूर्ति पर असर

सुपरवाइजर ने कहा कि ईंधन, एलपीजी, खाने-पीने की चीजें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने और पैनिक बायिंग से बचने की अपील की है.

पार्सल ट्रेन से यात्रा के दौरान कूलिंग सिस्टम वाले पैनल और रैक लगाए गए हैं, जिससे फल सुरक्षित रहकर तेजी से बाजार पहुंचते हैं. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 15 सितंबर को आठ पार्सल वैगन ट्रेन झंडी दिखाकर रवाना की, जिससे ट्रांसपोर्टेशन और तेज हुआ.

अन्य जरूरी सामान की ढुलाई

पार्सल ट्रेन का इस्तेमाल अब अन्य जरूरी सामान जैसे सरसों का तेल और अन्य खाद्य सामग्री के लिए भी किया जा रहा है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि सड़क बाधित होने पर भी आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित नहीं हो.

इस नई व्यवस्था से घाटी के किसानों को फायदा हो रहा है, फल समय पर बाजार पहुंच रहे हैं और आपूर्ति भी स्थिर बनी हुई है. यह कदम कश्मीर की कृषि अर्थव्यवस्था और देश के बाजार के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है.

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