महाराष्ट्र में खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया चल रही है. किसानों से सोयाबीन की खरीद भी जा रही है. लेकिन, कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने महाराष्ट्र सरकार पर उपज खरीद को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री के ओएसडी भ्रष्ट्राचार में लिफ्त हैं और खरीद केंद्र खोलने के लिए 3 लाख रुपये की डिमांड की जा रही है. कांग्रेस नेता ने विधानसभा सत्र के दौरान किसानों की सोयाबीन उपज लेकर पहुंचे और सभापति से कहा कि इस अच्छी उपज को भी नमी बताकर खरीदने से इनकार किया जा रहा है. उन्होंने दो पोटलियों में भरी सोयाबीन उपज विधानसभा में पटल पर रख दीं.
मंत्री के ओएसडी पर खरीद केंद्र खोलने के लिए 3 लाख रुपये लेने का आरोप
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने किसानों की अनदेखी करने और उन्हें उपज की सही भाव नहीं देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि खरीद केंद्रों पर मनमाने तरीके से फसलों की खरीद की जा रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री के OSD अभिजीत पाटिल राज्य में सोयाबीन खरीद केंद्र शुरू करने के लिए तीन लाख रुपये ले रहे हैं. यह रकम बीड का रहने वाला अखिल नाम का एक व्यक्ति इकट्ठा कर रहा है.
खरीद केंद्रों से रिजेक्ट सोयाबीन की पोटली सदन में खोलकर दिखाई
कांग्रेस नेता ने कहा कि नांदेड़ और यवतमाल जिलों के किसानों का सोयाबीन रिजेक्ट किया जा रहा है. उन्होंने किसानों का रिजेक्ट किया गया सोयाबीन विधानसभा के पटल पर रख दिया और सोयाबीन से भरी पोटलियां खोलते हुए कहा कि जब खरीद नहीं हो रही है तो किसान क्या करे, क्या किसान मर जाए. प्रभावित किसानों की हालत स्पीकर और मंत्री के सामने पेश की गई.
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सोयाबीन का 6 हजार रुपये भाव देने का वादा पूरा नहीं किया गया
कांग्रेस नेता ने विधानसभा में नांदेड़ जिले के किसानों गजानन तनमने, संजय सिदखेड़े, भगवती किंदत, उल्हास किंदत और गजानन किंदत की शिकायतें पेश कीं और कहा कि किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है. बता दें कि चुनाव से पहले महाराष्ट्र के किसानों से वादा किया गया था कि उन्हें सोयाबीन के लिए 6 हजार रुपये भाव दिया जाएगा, पर इसे भी पूरा नहीं किया गया है.
विधानसभा स्पीकर ने जांच के निर्देश दिए
उन्होंने आगे कहा कि अगर अच्छी क्वालिटी का सोयाबीन भी सोयाबीन खरीद केंद्रों पर रिजेक्ट किया जा रहा है, तो क्या किसानों को जीना चाहिए या मर जाना चाहिए? जब विपक्ष किसानों के मुद्दों पर सवाल उठाता है, तो सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती. इस पर ध्यान देते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने संज्ञान लिया. स्पीकर ने खरीद केंद्र शुरू करने के लिए पैसे लेने के आरोपों की जांच के निर्देश दिए. स्पीकर ने कहा कि जांच के बाद जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.