उत्तर प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है और इन दिनों में मंडियों में किसानों अपनी उपज बेचने पहुंच रहे हैं. खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की बिक्री भी तेजी से चल रही है. लेकिन, सुगंधा किस्म की धान को हाथों-हाथ खरीदा जा रहा है. मंडियों में पहुंचने से पहले ही कुछ व्यापारी किसानों से सुगंधा धान का एमएसपी से भी ज्यादा भाव लगा रहे हैं. कई बड़ी कंपनियां भी इस धान की खरीद के लिए मंडी पहुंची हैं. राज्य सरकार ने किसानों की उपज का भुगतान खरीद के 48 घंटे के अंदर करने के निर्देश जारी किए हैं.
उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसान धान की खेती करते हैं और केंद्र सरकार की ओर से धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद धान का रकबा भी बढ़ा है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय स्तर इस सीजन धान का रकबा करीब 15 फीसदी अधिक दर्ज किया गया है. उत्तर प्रदेश में भी इस बार किसानों ने जमकर धान की बुवाई की है. खास बात ये है कि इस बार किसानों ने परंपरागत धान किस्मों की बजाय हाईएस्ट बाजार भाव वाली किस्मों की बुवाई की है, जिनमें बासमती की सुगंधा किस्म भी शामिल है. सुगंधा धान की खूबी ये है कि इसकी खुशबू पकने से पहले पकने बाद भी जोरदार होती है और चावल पकने के लंबा और पतला हो जाता है. जबकि, खाने में यह मीठा होता है.
घरेलू और विदेशी बाजारों में खूब मांग ने बढ़ाई धान की वैल्यू
उत्तर प्रदेश के आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर समेत अन्य मंडियों में खरीफ फसलों की खरीद जोरदार तरीके से हो रही है. वहीं, अलीगढ़ की सरकारी मंडियों में इन दिनों बासमती धान सुगंधा की खुशबू फैली हुई है. सुगंधित चावल किस्म सुगंधा की बाजार में उपभोक्ताओं के बीच खूब मांग रहती है और इसे विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. इस बार अलीगढ़ इलाके किसानों ने इस किस्म की धान की खूब बुवाई की है और उनकी उपज मंडियों में हाथोंहाथ बिक रही है.
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बासमती सुगंधा धान खरीदने बड़ी-बड़ी कंपनियां पहुंचीं
अलीगढ़ की मंडियां नवरात्र के पहले दिन से ही धान की सुगंधा और बासमती किस्मों से महक रही हैं. सरकारी खरीद भले ही 1 अक्टूबर से शुरू हुई है लेकिन, आसपास के जिलों के किसान पहले ही अपनी धान को मंडी में ला रहे हैं और इस बार बासमती के भाव भी अच्छे मिल रहे हैं. अलीगढ़ जिले के खैर और छर्रा की कृषि उत्पादन मंडी समिति धान की खरीद के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हैं, जहां कई बड़ी कंपनियां भी धान खरीदने आती हैं. इसके चलते किसानों की धान हाथोंहाथ बिक रही है.
रात 1 बजे से दोपहर के टाइम स्लॉट में पहुंचे किसान
प्रभारी सचिव मंडी समिति मुकेश त्रिपाठी ने कहा कि दोनों मंडियों में अलीगढ़ के साथ-साथ एटा, कासगंज, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, बुलंदशहर, नरौरा और हाथरस जैसे जिलों के किसान भी अपनी धान लेकर आते हैं और अच्छा मूल्य पाते हैं. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे तय टाइम स्लॉट रात 1 बजे से दोपहर 12 बजे तक मंडी में आएं ताकि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहें और व्यापार सुगमता से हो सके.
किसानों को एमएसपी से अधिक भाव मिल रहा
प्रभारी सचिव मंडी समिति मुकेश त्रिपाठी ने प्रसार भारती से कहा कि इस बार धान की उपज अच्छी है और किसानों को MSP से अधिक मूल्य मिल रहा है. कभी-कभी मंडी में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इसलिए डिप्टी डायरेक्टर और पुलिस अधीक्षक के सहयोग से यातायात और अनलोडिंग-लोडिंग की व्यवस्थाएं व्यवस्थित रखी जा रही हैं.