देश की महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत और सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार सक्रिय रहती है. महिलाओं के विकास के लिए कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. इन्हीं योजनाओं में से एक योजना है दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM), जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने के लिए वित्तीय सहायता दी जाता है. इसी कड़ी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बताया कि DAY-NRLM योजना के माध्यम से अबतक महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन दिया जा चुका है. जिसकी मदद से ग्रामीण महिलाएं सशक्तीकरण की दिशा की ओर बढ़ रही हैं.
आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत चलाई जाने वाली दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के चलते देशभर की ग्रामीण गरीब महिलाएं मजबूत सामुदायिक संस्थाओं के माध्यम से अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर अच्छी कमाई कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन रहीं हैं. उन्होंने बताया कि योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बिना ब्याज के सब्सिडी और अन्य तरह की वित्तीय सहायता दी जा रही है. जिसकी मदद से ये महिलाओं अपना खुद का व्यवसाय शुरु कर पाने में सक्षम हो रहीं हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार कर न केवल अपना बल्कि अपने परिवार का भी जीवन सुधार रहीं हैं.
बैंक सखियों की सराहना
शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं तक इस योजना को पहुंचाने के लिए बैंक और बैंकिंग सखियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमारे बैंकिंग पार्टनर्स ने करोड़ों ग्रामीण महिलाओं के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा उन्होंने बैंक सखियों की तारीफ करते हुए कहा कि बैंक सखियों ने स्वयं सहायता समूहों को योजना से लिंक कराने की प्रक्रिया को बेहद ही सुगम बनाया और यह भी सुनिश्चित किया कि महिलाओं को समय पर बैंक से लोन मिले. कृषि मंत्री ने बताया कि DAY-NRLM योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाके की महिलाओं को आसान शर्तों और सकर प्रक्रिया के माध्यम से लोन उपलब्ध कराया जा रहा है.
ग्रामीण महिलाओं का स्थिति में बदलाव
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही DAY-NRLM और’लखपति दीदी’जैसी पहल आज ग्रामीण भारत की लाखों महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बदल रही हैं.यह उपलब्धि महज एक संख्या नहीं, बल्कि उस सामूहिक शक्ति का प्रतीक है, जहां महिलाओं को अवसर, भरोसा और संसाधन मिलते हैं, जिससे वे देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में नए शिखर तक पहुंचा सकती हैं.