Tomato Farming : अगर सब्जियों की बात करें, तो टमाटर हर रसोई का सबसे अहम हिस्सा है. बिना टमाटर के सब्जी, सॉस या करी का स्वाद अधूरा सा लगता है. सोचिए अगर पूरे भारत में टमाटर की आपूर्ति रुकी जाए, तो हमारी थाली कितनी फीकी हो जाएगी. यही वजह है कि टमाटर का उत्पादन हमारे लिए सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जरूरत भी है. आज हम आपको बताएंगे कि भारत का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य कौन सा है और इसके पीछे क्या कारण हैं.
भारत टमाटर उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर
भारत टमाटर उत्पादन के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है. साल 2023-24 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टमाटर उत्पादन 213.20 लाख टन था. यह पिछले वर्ष के मुकाबले 4 फीसदी ज्यादा था. भारत में टमाटर का उत्पादन साल भर होता है, लेकिन मौसम और जलवायु के हिसाब से इसकी मात्रा में थोड़ा उतार-चढ़ाव होता रहता है. गर्मियों में और मानसून के समय टमाटर की फसल बहुत अच्छी होती है, जबकि सर्दियों में कुछ क्षेत्रों में उत्पादन कम हो सकता है.
आंध्र प्रदेश: टमाटर उत्पादन में अव्वल
भारत में सबसे ज्यादा टमाटर उत्पादन करने वाला राज्य आंध्र प्रदेश है. साल 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां कुल 2744 मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन हुआ. पिछले साल की तुलना में यह उत्पादन करीब 14 फीसदी ज्यादा है. यहां की टमाटर की खेती की खासियत यह है कि फसल न केवल अच्छी होती है बल्कि रंग और आकार में भी बेहतरीन होती है. यही वजह है कि आंध्र प्रदेश के टमाटर अन्य राज्यों में भी बहुत पसंद किए जाते हैं.
क्यों है आंध्र प्रदेश टॉप पर?
आंध्र प्रदेश टमाटर उत्पादन में नंबर एक क्यों है? इसके पीछे कई कारण हैं:-
- अनुकूल जलवायु:- आंध्र प्रदेश की जलवायु गर्म और नम रहती है. पर्याप्त वर्षा और सूर्य की रोशनी टमाटर की खेती के लिए सबसे अनुकूल वातावरण बनाते हैं. इससे टमाटर की फसल समय पर और अच्छी होती है.
- उपजाऊ मिट्टी:- राज्य की मिट्टी बेहद उपजाऊ है. यहां की लाल और काली मिट्टी टमाटर के लिए परफेक्ट है. मिट्टी में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जिससे टमाटर का आकार और स्वाद बेहतरीन होता है.
- बेहतर भंडारण सुविधा:- टमाटर जल्दी खराब हो जाता है, लेकिन आंध्र प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा अच्छी है. इसलिए किसानों के पास अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का विकल्प होता है. साथ ही, राज्य की सड़क और रेलवे नेटवर्क अच्छी होने के कारण टमाटर दूसरे राज्यों तक आसानी से पहुँच जाता है.
मध्यप्रदेश बना देश का टमाटर हब, किसानों की आय में बड़ी बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश अब टमाटर उत्पादन में पूरे देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य में सब्जी उत्पादक किसानों को सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं का सीधा फायदा मिल रहा है. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन (PMFME) योजना के तहत टमाटर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार किसानों को टमाटर के बीज पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है, जिससे किसानों की लागत घट रही है और आमदनी बढ़ रही है. इस पहल से प्रदेश के किसान आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं.
भारत में टमाटर की खेती किन राज्यों में होती है?
आंध्र प्रदेश के अलावा भारत में टमाटर की खेती कई राज्यों में की जाती है. हिमाचल प्रदेश में ठंडी जलवायु में टमाटर की खास किस्म उगाई जाती है, जो स्वाद और गुणवत्ता में बेहतरीन होती है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है, जो स्थानीय बाजारों और आसपास के राज्यों तक पहुंचाई जाती है. मध्य प्रदेश और गुजरात में सिंचाई की सुविधा और फसल चक्र के कारण टमाटर की खेती बढ़ी है. तमिलनाडु, ओडिशा और कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्य भी उत्पादन में योगदान देते हैं. बावजूद इसके, सबसे अधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश में ही होता है.
टमाटर की मांग और खपत
टमाटर केवल सब्जी बनाने में ही इस्तेमाल नहीं होता. इसे सॉस, अचार, सूप, सलाद और कई अन्य व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए टमाटर की मांग पूरे साल बनी रहती है. बाजार में टमाटर की कीमत मौसम और उत्पादन के अनुसार बदलती रहती है. जब उत्पादन अधिक होता है तो कीमतें कम होती हैं, और जब मौसम खराब होता है तो कीमतें बढ़ जाती हैं.
किसानों के लिए अवसर और चुनौतियां
टमाटर की खेती किसानों के लिए आमदनी का अच्छा स्रोत है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं. टमाटर जल्दी खराब होने वाला फसल है, इसलिए भंडारण और सही परिवहन का ध्यान रखना जरूरी है. कीट और रोग भी फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे उत्पादन घट सकता है. इसके अलावा मौसम और बारिश के बदलते पैटर्न से भी टमाटर की खेती प्रभावित होती है. इन समस्याओं को देखते हुए किसान अब आधुनिक तकनीक और उन्नत कृषि तरीकों का उपयोग कर रहे हैं. इससे न केवल फसल की गुणवत्ता बेहतर हो रही है बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है.