बिहार के आम की मांग देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी है. यहां तक कि अपनी मिठास और विशेषता के कारण भागलपुर के जर्दालु आम को साल 2018 में जी आई (GI) टैग भी मिल चुका है. देश विदेश में बिहार के आम की उपलब्धियों को देखते हुए बिहार में आम महोत्सव मनाया जा रहा है. इस महोत्सव का शुभारंभ प्रदेश के कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने किया. इस महोत्सव में प्रदेश भर से 800 किसानों ने लगभग 5 हजार आम उत्पादों को पेश किया. इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि यह महोत्सव भारतीय कृषि की समृद्ध परंपरा और विशेष रूप से बिहार में आम की खेती के विकास का उत्सव है.
आम उत्पादन में 82 फीसदी की बढ़ोतरी
प्रदेश के कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार में आम का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. करीब 1.65 लाख हेक्टेयर में आम के बगीचे से करीब 15.8 लाख आम का उत्पादन होता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि रोड मैप के लागू होने से साल 2007-08 की तुलना में उत्पादन में करीब 82% की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही सरकार के द्वारा राज्य में आम के उन्नत क्वालिटी के उत्पादन के लिए आम विकास योजना चलाई जा रही है. इसके साथ ही प्रदेश में बने कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैंगो, वैशाली के द्वारा आम विकास के हर पहलू पर किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
साऊदी अरब जाएंगे बिहार के आम
कृषि मंत्री ने बताया कि आम के उत्पादन के साथ ही बाजर में आम की उपलब्धता पर भी सरकार लगातार काम कर रही है. प्रदेश का उद्यान निदेशालय हर साल आम महोत्सव का आयोजन करता है जिसमें आम उत्पादन करने वाले व्यापारी, प्रोसेसिंग करने वाले वैज्ञानिक, आम का निर्यात करने वाले व्यापारी सभी को एक मंच पर आने का मौका मिलता है. बता दें कि साल 2024-25 में 2235.07 मीट्रिक टन आम और आम पल्प का निर्यात किया गया. वहीं एपिडा के द्वारा UAE और सउदी अरब में क्रेता-बिक्रेता सम्मेलन होने वाला है जिसमें बिहार के आम को प्रमोशन के लिए भेजा जा रहा है.
बेहतर बाजार उपलब्ध कराने का लक्ष्य
कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देशय केवल आम उत्पादन को बढ़ाना ही नहीं बल्कि किसानों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराना भी है. उन्होंने कहा इस महोत्सव के माध्यम से किसानों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों और निर्यातकों को एक मंच पर लाने की कोशिस की जाती है,ताकि वे एक-दूसरे के साख अपने अनुभव और ज्ञान को बांट सकें.