बाजरा की खेती से बढ़ेगी यूपी के किसानों की आमदनी, 30 क्विंटल तक होगी पैदावार

बाजरा औषधीय गुणों से भरपूर एक फसल है. इसलिए बाजार में इसकी मांग सालभर और ज्यादा रहती है. ऐसे में इसकी खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने का अच्छा जरिया हो सकती है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 20 Jul, 2025 | 07:44 PM

मॉनसून की शुरुआत होते ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देते हैं. इनमें श्रीअन्न फसलें भी शामिल होती हैं. श्रीअन्न की प्रमुख फसलों में से एक है बाजरा. बात करें उत्तर प्रदेश की तो धान, गेहूं और मक्का के बाद प्रदेश में करीब 10 लाख हेक्टेयर में बाजारा की खेती की जाती है. बाजारा में मौजूद पौष्टिक गुणों को देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने बाजरा की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है, ताकि बाजरा की खेती करने वाले किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो सके.

औषधीय गुणों से भरपूर है बाजरा

बाजरा औषधीय गुणों से भरपूर एक फसल है इसलिए बाजार में इसकी मांग सालभर और ज्यादा रहती है. ऐसे में इसकी खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने का अच्छा जरिया हो सकती है. बाजारा के दानों में विशेष रूप से फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैगजीन जैसे पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ये सारे पोषक तत्व मिलकर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. बता दें कि बाजरा से बने उत्पाद ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, दिल संबंयदी बीमारी और पेट के रोगों से प्रभावित लोगों की सेहत सुधारने में मदद करते हैं.

योगी सरकार दे रही खेती को बढ़ावा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाजरा में मौजूद पोषक तत्व और रोग प्रतिरोधक क्षमता को देखते हुए सीएम योगी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार बाजरा की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. बाजरा की खेती कम बारिश में भी की जा सकती है इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है इस साल प्रदेश के 29 जिलों में कम बारिश होने के कारण बाजरा की खेती अच्छे से की जा सकती है. बता दें कि कम बारिश में धान की खेती नहीं की जा सकती है ऐसे में बाजरा की खेती अगस्त के महीने तक सफलतापूर्वक की जा सकती है.

30 क्विंटल तक हो सकती है पैदावार

बाजरा की फसल 80 से 85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है ऐसे में किसान नवंबर के महीने में रबी फसलों की बुवाई से पहले बाजरा की कटाई की जा सकती है. बात करें बाजरा की फसल से होने वाले उत्पादन की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 25 से 30 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है. बाजार में बाजरा की बढ़ती मांग के कारण इसकी खेती करने वाले किसानों को अच्छी आमदनी भी होने की संभावना है. बता दें कि संकर बाजरी की कुछ किस्में ऐसी भी हैं जिनकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 35 से 40 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है.

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