अपने बेहतरीन स्वाद और स्वास्थ्य संबंधी फायदों के कारण लोगों के बीच मशरूम की मांग रहती है. बाजार में इसकी बढ़ती मांग के चलते किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. भारत में मशरूम उत्पादन में बिहार सबसे आगे है. प्रदेश में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती होने से न केवल कृषि क्षेत्र का विस्तार हुआ है बल्कि किसानों को भी रोजगार के अवसर मिले हैं. इसी कड़ी में अब प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में स्वरोजगार के नए अवसर बनाने के उद्देश्य से सरकार और कृषि विभाग मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रही है. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार मशरूम की खेती करने वाले किसानों को 90 फीसदी सब्सिडी भी दे रही है. बता दें कि प्रदेश सरकार मशरूम अवयव योजना के तहत मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रही है.
महिलाओं और युवाओं को मिलेगा रोजगार
बिहार सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के पीछे प्रदेश सरकार का उद्देश्य है छोटे और सीमांत किसानों समेत महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों और युवाओं को व्यापार करने और फूड प्रोसेसिंग के लिए प्रोत्साहित करना. उन्होंने बताया कि मशरूम की खेती से ग्रामीण इलाकों के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे. इसके साथ ही बाजार में मशरूम की मांग के अनुसार ही प्रदेश में इसका उत्पादन किया जाएगा.
सरकार से मिली 1396.75 लाख की मंजूरी
बिहार कृषि विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मशरूम उत्पादन के लिए सरकार की तरफ से 1396.75 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है. मशरूम अवयव योजना के तहत किसानों को मशरूम की खेती के लिए 90 फीसदी सब्सिडी भी दी जाएगी. सब्सिडी के तहत किसानों को मशरूम किट दी जाएगी, जिसके चलते पैडी या ऑयेस्टर मशरूम की एक किट की लागत 75 रुपये है जिसपर किसानों को सरकार की तरफ से 67.50 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं बटन मशरूम की एक किट 90 रुपये की जिसपर किसानों को 81 रुपये सब्सिडी के तौर पर मिलेंगे.
मशरूम हट बनाने पर 50 फीसदी सब्सिडी
बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही मशरूम अवयव योजना के तहत मशरूम हट बनाने वाले किसानों को भी सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता दी जाएगी. बता दें कि सरकार द्वारा मशरूम हट बनाने के लिए कुल 1.795 लाख रुपये की लागत तय की गई है. योजना के अनुसार कुल लागत का 50 फीसदी यानी 89, 750 रुपये सब्सिडी के तौर पर किसानों को दिया जाएगा. वहीं ऐसे किसान जो बाल्टी में मशरूम की खेती करना चाहते हैं उन्हें एक यूनिट की लागत 300 रुपये पर 270 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.