Uttar Pradesh News: मोंथा चक्रवात के असर से बीते 3 दिनों से उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में जोरदार बारिश दर्ज की गई है. लखनऊ, श्रावस्ती, मऊ, ललितपुर, झांसी, कानपुर समेत कई जिलों में तेज बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है. श्रावस्ती में कई हजार एकड़ में कटी पड़ी धान फसल पानी में डूब गई है. जबकि, खेतों पककर कटाई के लिए तैयार फसल का दाना खराब हो गया है. वहीं, रबी फसलों की बुवाई की तैयारियों में जुटे किसानों को खेतों की नमी कम होने का इंतजार करना होगा. इससे बुवाई में देरी का डर सता रहा है.
पहले सूखा और अब बेमौसम बारिश लाई तबाही
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. श्रावस्ती जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी है. यहां के किसान पहले सूखे से प्रभावित थे और किसी तरह सिंचाई करके धान की फसल को तैयार कर नुकसान से बचाया. लेकिन, अब बारिश ने खेत में कटी रखी फसल को भिगाकर बर्बाद कर दिया है.
सैकड़ों बीघा खेत में कटी पड़ी फसल पानी में डूबी
जिले के सैकड़ों बीघा खेतों में पानी भरने से फसल पूरी तरह डूब गई है. सबसे ज्यादा नुकसान खेत में कटाई के बाद सूखने के लिए पड़ी फसल को हुआ है. क्योंकि पानी भरने से फसल के सड़ने का खतरा बढ़ गया है. पानी सूखने में एक हफ्ते से ज्यादा समय लगेगा. ऐसे में जो डूबी फसल है उसके सड़कर पूरी तरह खराब होने का खतरा है. किसान भीगे गट्ठों को हटाकर सूखी जगहों पर रख रहे हैं.
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अब बची फसल घर ले जाने की कोशिशों में जुटे किसान
किसान सुधाकर ने कहा कि जिले में लगातार 3 दिन से बारिश हो रही है. धान फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि पहले सूखे की वजह से सिंचाई में उनकी लागत ज्यादा आई है और अब जब कटाई के बाद फसल बिक्री का वक्त आया तो बारिश ने तबाही ला दी है. किसानों ने कहा कि अब तो खेत से जो भी फसल घर पहुंच जाए उतने में ही संतोष करेंगे.

पीड़ित धान किसान.
चावल की क्वालिटी खराब, खुशबू पर भी होगा असर
कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि कटाई के लिए पककर तैयार धान के फिर से भीगने पर दाने पर बुरा असर पड़ेगा. दाने की क्वालिटी कमजोर हो जाएगी और खुशबू पर असर पड़ेगा. वहीं, चावल निकलने के बाद कलर में पीलापन आने की आशंका है. इससे किसानों को उनकी उपज का सही भाव मिल पाना भी मुश्किल हो जाएगा.
नुकसान की भरपाई के लिए आकलन के निर्देश
बारिश से कई जिलों में फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश कृषि विभाग को दिए गए हैं. राज्य शासन की ओर से किसानों के नुकसान की भरपाई का भरोसा दिया गया है.