गांवों में किसानों के लिए जंगली सूअर बड़ी समस्या बने हुए हैं. ये जानवर रात के अंधेरे में खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर देते हैं. खासकर मक्का की फसल तैयार होते ही उनका आतंक बढ़ जाता है. किसान रातभर खेतों में जागकर पहरा देने को मजबूर हैं. लेकिन लगातार नुकसान से परेशान किसानों ने फसल बचाने के लिए कई देसी जुगाड़ अपनाने शुरू कर दिए हैं.
आठ साल से जारी जंगली सूअरों का आतंक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये समस्या गांव के लोगों के लिए लगातार बनी हुइ है. हर सीजन जब मक्का पककर तैयार होने लगती है, तो सूअर झुंड बनाकर खेतों में घुस आते हैं. किसान बताते हैं कि ये जानवर गड्ढे खोदते हैं, पौधे उखाड़ देते हैं और भुट्टे खाने के अलावा बाकी फसल को रौंदकर बर्बाद कर देते हैं. कई बार एक साथ 10-12 सूअर खेत में घुस आते हैं और पूरी मेहनत पर पानी फेर देते हैं. अब तक करीब 50 से ज्यादा किसानों की फसलें प्रभावित हो चुकी हैं.
किसान रातभर कर रहे पहरा
जंगली सूअरों का हमला ज्यादातर रात में होता है. जैसे ही अंधेरा होता है, वे खेतों में घुस जाते हैं. अगर कोई किसान उन्हें भगाने जाए, तो हमला करने का डर रहता है. यही वजह है कि कई किसान मजबूरी में रातभर खेतों में जागकर पहरा दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही प्रशासन या वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी.
पटाखे और पुतलों से सूअरों को भगाने की कोशिश
फिलहाल किसान अपने स्तर पर ही जुगाड़ लगाकर फसल बचाने की कोशिश कर रहे हैं. सबसे ज्यादा पटाखों का इस्तेमाल हो रहा है. रात में खेतों के किनारे पटाखे फोड़ने से सूअर डरकर भाग जाते हैं. हालांकि यह तरीका हर बार असरदार साबित नहीं होता, लेकिन कुछ हद तक राहत जरूर मिलती है. इसके अलावा कई किसानों ने खेतों में कपड़े के पुतले भी खड़े कर दिए हैं. दूर से देखने पर ये पुतले इंसान जैसे लगते हैं. सूअर इन्हें देखकर डर जाते हैं और खेत में घुसने से बचते हैं. यही तरीका पक्षियों से फसल बचाने में भी काम आता है.
कपड़े और साड़ियों से किया जा रहा इंतजाम
कुछ किसानों ने खेत की मेड़ पर पुरानी साड़ियां और रंग-बिरंगे कपड़े बांध दिए हैं. हवा चलने पर ये कपड़े लहराते रहते हैं, जिससे जानवरों को लगता है कि खेत में इंसानों की हलचल है. इस डर से वे खेत में घुसने से बचते हैं. गांव में कई किसान इस जुगाड़ को आजमा रहे हैं और कुछ हद तक फायदा भी मिल रहा है.
करंट फेंसिंग से सबसे ज्यादा राहत
कुछ किसानों ने खेतों की बाउंड्री पर करंट की हल्की फेंसिंग भी कर रखी है. इसमें खर्चा ज्यादा आता है, लेकिन असरदार तरीका माना जा रहा है. किसान बताते हैं कि जहां भी करंट फेंसिंग की गई है, वहां सूअर खेत में नहीं घुसे. ये तार हल्के झटके देते हैं, जिससे जानवर डरकर भाग जाते हैं. इसमें सूअरों को नुकसान नहीं होता, लेकिन खेत की फसल सुरक्षित रहती है. किसानों का मानना है कि अगर यह व्यवस्था हर खेत तक पहुंच जाए, तो जंगली जानवरों की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी.