बदलते मौसम में कैसे पहचानें आपके पशु बीमार हैं या नहीं? ये लक्षण देते हैं संकेत

बदलते मौसम में पशुओं का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है. समय रहते लक्षण पहचानना जरूरी है, ताकि बीमारी गहराने से पहले इलाज हो सके. सही निगरानी से पशुपालक नुकसान से बच सकते हैं और उत्पादन भी बना रहता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 4 Oct, 2025 | 08:30 PM

Livestock Care : ठंड-गर्मी या बरसात- मौसम बदलते ही इंसानों की तरह पशु भी जल्दी बीमार पड़ सकते हैं. लेकिन दिक्कत तब होती है जब बीमारी का पता ही देर से चलता है. कई बार पशुपालक सोचते रहते हैं कि शायद आज थोड़ा कमजोर लग रहा है, कल ठीक हो जाएगा. लेकिन इसी लापरवाही से बीमारी बढ़ जाती है और बड़ा नुकसान हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि मौसम बदलते ही जल्दी पहचानें कि आपका पशु स्वस्थ है या नहीं. चलिए जानते हैं कुछ आसान और भरोसेमंद तरीके, जिनसे आप घर बैठे ही शुरुआती जांच कर सकते हैं.

पशु के व्यवहार पर नजर रखें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपका पशु चलते समय लड़खड़ा रहा है, बार-बार बैठ रहा है या एक पैर ज्यादा उठा रहा है, तो यह सामान्य नहीं है. स्वस्थ पशु  हमेशा फुर्ती से चलता है और पैरों पर जोर रखता है. यहां तक कि अगर गाय या भैंस उठने में ज्यादा समय ले रही है तो यह भी बीमारी का संकेत हो सकता है.

बहुत देर तक लेटा रहता है तो तुरंत सतर्क हो जाएं

स्वस्थ पशु ज्यादातर खड़ा रहता है या घूमता फिरता रहता है. अगर कोई पशु बार-बार लेटा रहता है और आपके पास जाने पर भी नहीं उठता, तो यह कमजोरी या बुखार का संकेत  हो सकता है. बदलते मौसम में खासकर ठंडी जमीन पर अधिक लेटना निमोनिया जैसी बीमारी की शुरुआत हो सकती है.

चारा छोड़ दे तो मान लीजिए समस्या शुरू हो चुकी है

सबसे आसान पहचान यही है-अगर पशु ने खाना कम कर दिया, मतलब वो 100 फीसदी ठीक नहीं है. चाहे दाना हो या हरा चारा , स्वस्थ पशु कभी भूखा नहीं रहता. अगर वो चारा मुंह में ले रहा है लेकिन चबा नहीं रहा, या बार-बार थूथन नीचे करके छोड़ दे रहा है-तो दांत या बुखार की दिक्कत हो सकती है.

नाक और मुंह को देखें- सूखापन या गीलापन सब बताता है

स्वस्थ पशु की पहचान उसकी नाक और थूथन से आसानी से की जा सकती है. आमतौर पर स्वस्थ गाय या भैंस की नाक हमेशा हल्की गीली रहती है, जो शरीर में सही तापमान और नमी का संकेत है. यदि नाक सूखी हो जाए या उसमें गंदगी जमने लगे, तो यह बुखार या पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन का लक्षण हो सकता है. इसी तरह थूथन यानी मुंह पर भी ध्यान देना जरूरी है. अगर होंठ सूखे नजर आएं या पशु बार-बार जीभ बाहर न निकाल रहा हो, तो यह कमजोरी का संकेत है. खास बात यह है कि गाय और भैंस अक्सर अपनी जीभ से नाक चाटती रहती हैं- अगर यह आदत रुक जाए, तो तुरंत जांच कराएं.

थर्मामीटर नहीं है? फिर भी तापमान का अंदाजा लगा सकते हैं

वैसे तो थर्मामीटर से शरीर का तापमान सबसे सही पता चलता है, लेकिन अगर वो नहीं है तो भी अंदाज लगाया जा सकता है. सुअर के कान छूकर बुखार महसूस किया जा सकता है. गाय और भैंस की गर्दन या पेट के पास हाथ रखने पर असामान्य गर्मी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

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Published: 4 Oct, 2025 | 08:30 PM

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