गाय-भैंस से ज्यादा दूध चाहिए? तो अपनाइए ये 4 आसान और असरदार देसी तरीके

दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशु को संतुलित आहार, साफ-सफाई, समय पर नहलाना और टीकाकरण जरूरी है. गर्मी-सर्दी में विशेष देखभाल करें. प्रोटीन व वसा युक्त खली देने से दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 7 Sep, 2025 | 11:14 AM

खेती-बाड़ी के साथ पशुपालन आज हर किसान के लिए आम बात हो गई है. गाय, भैंस या बकरी से न सिर्फ दूध मिलता है, बल्कि ये आमदनी का बड़ा जरिया भी बनते हैं. लेकिन दुधारू पशु से भरपूर और लगातार दूध मिले, इसके लिए किसान को कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है. साफ-सफाई, सही खान-पान और समय पर देखभाल से दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाया जा सकता है.

स्वच्छ चारा और नियमित देखभाल सबसे जरूरी

पशु को अगर ताजा, साफ और पौष्टिक चारा दिया जाए तो उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और दूध भी ज्यादा मिलता है. किसान को हरा चारा, सूखा चारा और दाना संतुलित मात्रा में देना चाहिए. इसके साथ ही पशु का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण करवाना चाहिए. अगर कोई बीमारी की शुरुआत दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. पशु के रहने की जगह साफ हो और उसमें पर्याप्त जगह और हवा होनी चाहिए. दूध निकालने का भी एक निश्चित समय रखें और इस दौरान पशु को शांत और आरामदायक माहौल दें.

गर्मी-सर्दी में रखें विशेष ध्यान

मौसम के अनुसार पशु की देखभाल करना भी बहुत जरूरी है. गर्मी में पशु को रोजाना नहलाना चाहिए, ताकि मक्खी-मच्छर और कीड़े न लगें. नहलाने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. सर्दियों में पशु को ठंड से बचाना बहुत जरूरी है. उनके ऊपर बोरा, कंबल या कोई गर्म कपड़ा डालें. पीने के लिए हमेशा साफ और पर्याप्त पानी दें. कोशिश करें कि पशु को छायादार और हवादार जगह में बांधें ताकि वह तनाव मुक्त रहे.

संतुलित आहार से बढ़ेगा दूध

दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशु को संतुलित आहार देना जरूरी है. प्रोटीन युक्त चीजें जैसे दाल, तिलहन की खली, मूंग की दाल आदि बहुत फायदेमंद होती हैं. साथ ही चारे में ज्वार, बाजरा, मक्का आदि मिलाकर देना चाहिए. इससे पशु की सेहत भी सुधरेगी और दूध की मात्रा भी बढ़ेगी. संतुलित आहार देने से पशु की पाचन शक्ति भी मजबूत रहती है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है और दूध की गुणवत्ता बनी रहती है.

वसा से बढ़ेगी दूध की गुणवत्ता

पशु के आहार में वसा (फैट) की मात्रा भी जरूरी होती है. वसा की पूर्ति के लिए किसान अपने पशु को सरसों की खली, तिल की खली, मूंगफली की खली और अलसी की खली दे सकते हैं. इन चीजों से दूध का फैट कंटेंट अच्छा रहता है और दूध गाढ़ा व पौष्टिक बनता है. इससे बाजार में दूध की कीमत भी ज्यादा मिलती है और किसान की कमाई बढ़ती है.

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