Ostrich Farming : खेती के साथ-साथ अब किसान नए-नए बिजनेस की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. महंगाई के इस दौर में सिर्फ फसल पर निर्भर रहना हर बार फायदे का सौदा नहीं होता. ऐसे में पशुपालन के नए विकल्प किसानों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बनते जा रहे हैं. इन्हीं में से एक है शुतुरमुर्ग पालन, जो आज तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. सही जानकारी और थोड़ी समझदारी के साथ यह कारोबार किसानों को कुछ ही समय में अच्छी आमदनी दिला सकता है. हालांकि, शुतुरमुर्ग पालन के लिए कृषि विभाग से अनुमति लेना जरूरी होता है.
शुतुरमुर्ग पालन क्यों बन रहा है मुनाफे का सौदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुतुरमुर्ग दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी माना जाता है. इसकी लंबाई करीब 9 फीट तक और वजन 150 किलो तक हो सकता है. खास बात यह है कि यह पक्षी लगभग हर तरह के मौसम में आसानी से रह सकता है. इसके पालन में ज्यादा खर्च भी नहीं आता और देखभाल भी आसान मानी जाती है. यही वजह है कि कम जमीन और सीमित संसाधनों वाले किसान भी इसे पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
अंडों से होगी मोटी कमाई
शुतुरमुर्ग पालन में सबसे बड़ा फायदा इसके अंडों से होता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजार में शुतुरमुर्ग के एक अंडे की कीमत करीब 2,000 रुपये तक होती है. एक स्वस्थ शुतुरमुर्ग साल में लगभग 25 से 30 अंडे देता है. अगर साधारण हिसाब लगाया जाए, तो सिर्फ अंडों से ही एक शुतुरमुर्ग सालाना 50 से 60 हजार रुपये तक की कमाई करा सकता है. खास बात यह है कि इन अंडों की मांग होटल, फार्म हाउस और खास बाजारों में लगातार बनी रहती है.
मांस, तेल और लेदर से भी जबरदस्त फायदा
शुतुरमुर्ग का मांस देश-विदेश में काफी पसंद किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक शुतुरमुर्ग से करीब 45 से 50 किलो मांस निकलता है, जिसकी कीमत बाजार में 40 से 50 हजार रुपये तक बताई जाती है. इसके अलावा इस पक्षी की चर्बी से 4 से 6 लीटर तक तेल निकलता है, जिसकी कीमत लगभग 4,500 रुपये प्रति लीटर तक होती है. इतना ही नहीं, इसके शरीर से मिलने वाला लेदर भी काफी महंगा बिकता है, जिसका इस्तेमाल जूते, बैग और बेल्ट बनाने में किया जाता है.
शुतुरमुर्ग से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुतुरमुर्ग की उम्र करीब 40 साल तक होती है और यह लगभग 35 साल तक अंडे देता है. यह पक्षी तेजी से बढ़ता है और साल में करीब 5 फीट तक ऊंचा हो सकता है. इसे धरती पर दौड़ने वाला सबसे तेज पक्षी भी माना जाता है. इसकी खासियत यह है कि यह कम बीमार पड़ता है और खुले वातावरण में आसानी से पाला जा सकता है. सही देखभाल और संतुलित आहार से यह किसानों के लिए लंबी अवधि तक कमाई का मजबूत साधन बन सकता है.