Fish Farming : मछली पालन अब सिर्फ एक परंपरागत काम नहीं, बल्कि तेजी से बढ़ता हुआ लाभकारी बिजनेस बन चुका है. लेकिन इस बिजनेस की असली सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनकी मछलियां पूरी तरह से स्वस्थ होती हैं. अगर मछली की सेहत बिगड़ जाए, तो उसका असर सीधा उत्पादन और मुनाफे पर पड़ता है. इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि स्वस्थ मछली की पहचान कैसे करें. इस खबर में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे आसान और भरोसेमंद तरीके, जिनसे आप एक नजर में मछली की सेहत पहचान सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं.
चमकदार रंग बताए सेहत का हाल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी मछली की सेहत का पहला संकेत उसका रंग होता है. एक स्वस्थ मछली का रंग चमकदार और प्राकृतिक होता है. उसे देखकर यह साफ पता चलता है कि वह अच्छी स्थिति में है. अगर मछली का रंग फीका, धुंधला या असमान दिखाई दे, तो यह बीमारी का संकेत हो सकता है. कुछ मामलों में मछली की त्वचा पर सफेद या भूरे धब्बे दिखना भी संक्रमण का लक्षण होता है. इसलिए रोजाना तालाब की मछलियों को ध्यान से देखें. जो मछलियां अपने सामान्य रंग से अलग दिखें, उन्हें तुरंत अलग कर दें और पानी की गुणवत्ता की जांच करवाएं.
शरीर की बनावट भी बताती है सेहत
स्वस्थ मछली की पूंछ और पंख मजबूत और कसकर जुड़े हुए होते हैं. उसकी चाल तैरने के दौरान सुगम और संतुलित होती है. अगर पूंछ ढीली लगती है, पंख फटे हुए हैं या मांसपेशियां ढीली पड़ गई हैं, तो समझ लें कि मछली बीमार है. कई बार तालाब के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से भी मछलियों की त्वचा या पंख सड़ने लगते हैं. इसलिए हर हफ्ते पानी की जांच जरूर करें. साफ पानी और संतुलित ऑक्सीजन मछलियों की मजबूती बनाए रखती है.
शरीर पर घाव या धब्बे हों तो सावधान
एक स्वस्थ मछली के शरीर पर न कोई फोड़ा, घाव या सफेद धब्बे होते हैं. अगर किसी मछली पर घाव या सूजन दिखे, तो यह फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण का परिणाम हो सकता है. ऐसी मछलियों को तुरंत बाकी झुंड से अलग करें. जरूरत पड़ने पर नमक या चूने का उपयोग पानी में करें, ताकि संक्रमण फैल न सके. समय रहते पहचान और इलाज करने से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है.
व्यवहार से भी पहचानें मछली की हालत
मछलियों का व्यवहार उनकी सेहत का सीधा आईना होता है. स्वस्थ मछली हमेशा तालाब के मध्य या गहराई में सक्रिय रूप से तैरती है. अगर कोई मछली बार-बार सतह पर आ रही है, पानी की सतह पर शरीर घसीट रही है या किनारे के पास सुस्त पड़ी रहती है- तो यह असामान्य व्यवहार है. इसका मतलब है कि या तो पानी में ऑक्सीजन की कमी है या मछली बीमार हो रही है. इस स्थिति में तुरंत पानी का तापमान और ऑक्सीजन स्तर जांचें. जरूरत हो तो ताजा पानी डालें या एरेटर मशीन चलाएं ताकि ऑक्सीजन बनी रहे.
खुराक में रुचि सबसे अहम संकेत
स्वस्थ मछली हमेशा खाना उत्साह से खाती है. जब मछलियां पानी की सतह पर आकर तेजी से आहार खाएं, तो यह उनके अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है. अगर वे खाना छोड़ रही हैं, सुस्त दिख रही हैं या खाने के बाद नीचे जाकर लंबे समय तक निष्क्रिय रहती हैं, तो यह बीमारी की शुरुआत हो सकती है. ऐसे में तुरंत पानी की जांच करवाएं, और मछलियों को संतुलित प्रोटीनयुक्त फीड दें. ध्यान रखें कि ज्यादा या कम दाना दोनों ही मछलियों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
अतिरिक्त सुझाव
मछलियों की पहचान के साथ-साथ तालाब का पानी हमेशा साफ रखें. पानी का pH स्तर, तापमान और ऑक्सीजन की मात्रा नियमित जांचते रहें. मछलियों के साथ किसी भी नई मछली को तालाब में डालने से पहले 2-3 दिन के लिए अलग टैंक में रखें ताकि संक्रमण फैलने की संभावना कम हो. मछलियों की देखभाल में थोड़ी सावधानी अपनाने से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है और मछली पालन से बेहतर मुनाफा हासिल किया जा सकता है.