सर्दी से बचाने का देसी फार्मूला, लेमनग्रास और नीम तेल से मुर्गियों की सेहत रहेंगी दुरुस्त

Winter Poultry Care : सर्दियों का मौसम मुर्गी पालकों के लिए चुनौती भरा होता है. गिरता तापमान और ठंडी हवाएं मुर्गियों की सेहत और उत्पादन पर असर डालती हैं. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाकर इस मौसम में भी मुर्गियों को स्वस्थ रखा जा सकता है और नुकसान से बचा जा सकता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Updated On: 20 Dec, 2025 | 02:09 PM

Poultry Farming : सर्दी का मौसम जहां इंसानों के लिए राहत लेकर आता है, वहीं मुर्गी पालकों के लिए यह चिंता बढ़ाने वाला समय होता है. ठंडी हवा, गिरता तापमान और शीतलहर मुर्गियों की सेहत पर सीधा असर डालती है. अगर इस मौसम में थोड़ी भी लापरवाही हो जाए, तो अंडा और चिकन उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ आसान और घरेलू उपाय अपनाकर सर्दियों में भी मुर्गियों को स्वस्थ रखा जा सकता है.

सर्दी में क्यों बढ़ जाता है खतरा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सर्दियों में तापमान  गिरने से मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ठंड के कारण वे कम सक्रिय रहती हैं, सही मात्रा में चारा नहीं खा पातीं और बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाती हैं. इसका सीधा असर अंडा उत्पादन  और वजन बढ़ने की रफ्तार पर पड़ता है. यही वजह है कि इस मौसम में खास देखभाल बेहद जरूरी मानी जाती है.

बाड़े में तापमान संतुलन है सबसे जरूरी

सर्दी से बचाव के लिए सबसे पहले मुर्गियों के बाड़े का ध्यान रखना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ठंड के दिनों में बाड़े के अंदर सामान्य तापमान बनाए रखने के लिए बिजली के बल्ब या हीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे अंदर की ठंड कम होती है और मुर्गियां आराम महसूस  करती हैं. साथ ही चारों ओर मोटे पर्दे लगाने चाहिए, ताकि ठंडी हवाएं सीधे अंदर न आ सकें. तेज हवा में पर्दे न उड़ें, इसके लिए नीचे की ओर सहारा देना भी जरूरी है. सुबह धूप निकलते ही पर्दे हटा देने चाहिए, ताकि ताजी हवा और धूप अंदर आ सके.

लेमनग्रास और नीम का तेल करेगा कमाल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सर्दियों में कीटाणु और परजीवियों  का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में साफ-सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए. बाड़े की नियमित सफाई के साथ लेमनग्रास की पत्तियों  और नीम के तेल से बने कीटाणुनाशक का उपयोग फायदेमंद माना जाता है. ये प्राकृतिक उपाय बैक्टीरिया और कीड़ों को दूर रखते हैं और मुर्गियों की सेहत सुरक्षित रहती है. इससे दवाओं पर होने वाला खर्च भी कम हो सकता है.

रोजाना निगरानी से बच सकता है नुकसान

सर्दी के मौसम में बाड़े का रोज निरीक्षण करना बेहद जरूरी होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई मुर्गी सुस्त दिखे, कम चारा खाए या अलग-थलग रहने लगे, तो तुरंत ध्यान देना चाहिए. समय पर इलाज  कराने से बीमारी फैलने से रोकी जा सकती है. साथ ही मुर्गियों को हमेशा सूखे और साफ माहौल में रखना चाहिए, ताकि नमी के कारण कोई संक्रमण न फैल सके.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 20 Dec, 2025 | 01:29 PM
Side Banner

आम धारणा के अनुसार तरबूज की उत्पत्ति कहां हुई?