गौशालाओं के लिए सब्सिडी राशि बढ़ाने की घोषणा, बैलों से खेती पर भी 30 हजार रुपये किसानों को मिलते रहेंगे

राजस्थान सरकार ने गौशालाओं की मदद बढ़ाने और बैलों से खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहारा देने की नई घोषणा की है. ऐसे में आइए जानते हैं सरकार की इस नई घोषणा के बारे में और इससे पशुपालकों को कितना लाभ मिलेगा.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 29 Sep, 2025 | 12:16 PM

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने गायों की सुरक्षा, गौशालाओं की आर्थिक मदद और पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं. सरकार ने गौशालाओं में रखी गायों और बछड़ों के लिए मिलने वाली सब्सिडी बढ़ा दी है. इसके साथ ही जो किसान अभी भी बैलों से खेती करते हैं, उन्हें हर साल 30 हजार रुपये मिलते रहेंगे. समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने धार्मिक स्थलों के विकास और सनातन संस्कृति को मजबूत करने की बातें भी कहीं.

गौशालाओं के लिए सब्सिडी में बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पंजीकृत गौशालाओं  को मिलने वाली दैनिक राशि बढ़ा दी है. अब हर गाय पर 50 रुपये प्रतिदिन और हर बछड़े पर 25 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे. पहले यह राशि इससे कम थी, जिससे गौशाला संचालकों (Cowshed Operators) को दिक्कत होती थी. नई घोषणा के बाद गौशालाओं में चारा, दवा और देखभाल का काम बेहतर हो सकेगा. देग जिले के श्री जडखोर गौधाम में आयोजित कार्यक्रम में यह घोषणा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति और आजीविका का हिस्सा रही है, इसलिए उनकी सेवा और सुरक्षा को मजबूत करना सरकार की जिम्मेदारी है.

बैलों से खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन

सरकार ने उन किसानों के लिए भी राहत की बात दोहराई, जो बैलों की मदद से खेती करते हैं. बजट 2025-26 में ऐसे छोटे और सीमांत किसानों  को 30,000 रुपये सालाना प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान जारी रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में भी कई किसान बैलों का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह किफायती और मिट्टी के लिए सुरक्षित तरीका है. यह योजना उन्हें आर्थिक मदद और पारंपरिक खेती को सहारा देगी.

धार्मिक स्थलों के विकास पर जोर

शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में देश में सनातन परंपरा फिर से मजबूत हो रही है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल कॉरिडोर जैसे कामों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी धार्मिक धरोहरों का विकास तेज गति से किया जा रहा है. राज्य बजट में खाटूश्यामजी मंदिर और पूंछड़ी का लोठा जैसे स्थलों के विकास के लिए प्रावधान किए गए हैं. इससे धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

श्रीकृष्ण गमन पथ परियोजना शुरू

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े स्थलों को जोड़ने और विकसित करने के लिए श्रीकृष्ण गमन पथ परियोजना तैयार की जा रही है. इसके तहत ब्रज क्षेत्र और आस-पास के धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे श्रद्धालुओं को नई सुविधाएं मिलेंगी और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित रहेगी. आने वाले समय में इस परियोजना से पर्यटन, व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.

कार्यक्रम में पूजा-अर्चना और गौसेवा भी

भजनलाल शर्मा अपनी पत्नी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. उन्होंने श्री जडखोर गोष्ठ बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद कमधेनु गौशाला में जाकर गायों की पूजा की और उन्हें गुड़ व हरा चारा  खिलाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गौसेवा केवल धार्मिक भावना नहीं, बल्कि समाजिक जिम्मेदारी भी है. उन्होंने गौशाला संचालकों और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर संभव सहयोग जारी रखेगी.

सरकार की इन घोषणाओं से क्या होगा फायदा?

  • गौशालाओं में चारा, दवाई और देखभाल  के लिए अच्छी राशि मिलेगी.
  • छोटे और सीमांत किसान बैलों से खेती जारी रख सकेंगे.
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पारंपरिक खेती को सहारा मिलेगा.
  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बनेंगे.
  • गौसंवर्धन को संरक्षित करने का प्रयास मजबूत होगा.

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Published: 29 Sep, 2025 | 11:14 AM

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