Poultry Farming : सर्दी, गर्मी या बरसात-खाना किसी भी मौसम में स्वाद का ही होता है. लेकिन एक खास चीज ऐसी है जिसकी बात आते ही लोगों के चेहरे पर चमक आ जाती है-कड़कनाथ चिकन. काला रंग, बेहतरीन स्वाद और जबरदस्त दाम… यही वजह है कि आजकल गांव हो या शहर, इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. अगर किसान या युवा कम पैसों में कोई काम शुरू करना चाहते हैं, तो कड़कनाथ मुर्गी पालन एक बेहद फायदेमंद विकल्प बन चुका है. सबसे खास बात-इसे शुरू करने के लिए जेब पर भारी खर्च भी नहीं पड़ता. सिर्फ 20 हजार में अच्छी यूनिट तैयार हो जाती है, और कुछ महीनों में कमाई देखकर हर कोई हैरान रह जाता है.
कड़कनाथ की बढ़ती मांग
बाजार में सामान्य देशी मुर्गा जहां 500-600 रुपये किलो के करीब मिलता है, वहीं कड़कनाथ की कीमत 600 से 1000 रुपये किलो तक रहती है. यही वजह है कि इसकी खरीद-फरोख्त तेजी से बढ़ रही है. इसे लोग सेहत के लिए भी अच्छा मानते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन ज्यादा होता है और मांस बेहद स्वादिष्ट होता है. इसकी खासियत यही है कि इसका मांस महंगा बिकता है, इसलिए कम मेहनत में ज्यादा फायदा मिल सकता है. यही कारण है कि कई छोटे पशुपालक भी इसे अपना व्यवसाय बना रहे हैं.
शुरुआत आसान-20 हजार में पूरी यूनिट तैयार
कड़कनाथ पालन (Kadaknath) की सबसे अच्छी बात यही है कि इसकी शुरुआत करने में ज्यादा खर्च नहीं आता. अगर घर में जगह पहले से है, तो सिर्फ शेड बनाने, चूजे लाने और दाना रखने में करीब 20,000 रुपये में पूरा काम शुरू हो जाता है. एक चूजा बाजार में करीब 80 रुपये का मिलता है. एक मुर्गी को 1 किलो वजन बढ़ाने के लिए ढाई किलो दाना चाहिए होता है. घर का दाना भी खिलाया जा सकता है और चाहें तो बाजार में मिलने वाला तैयार दाना भी दिया जा सकता है. इन दोनों से मुर्गियों की ग्रोथ अच्छे से होती है और कुछ महीनों में बिक्री के लिए तैयार हो जाती हैं.
पालन में ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो होगा नुकसान
कड़कनाथ मुर्गी पालन आसान है, लेकिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. सबसे पहले तो इन मुर्गियों के लिए साफ-सुथरा और हवा वाला शेड चाहिए. शोर कम हो, गंदगी न हो और पानी की सुविधा बनी रहे-ये छोटी-छोटी बातें भी काफी असर डालती हैं. दूसरी बात- मुर्गियों को पौष्टिक दाना देना जरूरी है. अगर दाना कमजोर होगा तो वजन धीरे बढ़ेगा और फायदा कम मिलेगा. बाजार में मिलने वाली फीड ग्रोथ बढ़ाती है, जबकि घर का दाना मुर्गियों को हल्का रखता है. दोनों को मिलाकर खिलाना सबसे अच्छा माना जाता है.
चूजे तैयार कैसे होते हैं? ये जानकारी जानना बहुत जरूरी
कड़कनाथ मुर्गी की एक खास बात यह है कि यह अपने अंडों को खुद नहीं सेखती. यानी अंडों से चूजे निकालने के लिए मशीन का इस्तेमाल होता है. मशीन में अंडे रखने पर 21 दिन में चूजे तैयार हो जाते हैं. अगर शुरुआत में मशीन खरीदना नहीं चाहते, तो बाजार से सीधे छोटे चूजे खरीदकर पालन शुरू किया जा सकता है. इससे शुरुआती खर्च भी कम आता है और यूनिट जल्दी शुरू हो जाती है.
छोटे स्तर से शुरू करें, धीरे-धीरे बढ़ाएं और कमाई देखें
कड़कनाथ पालन की यह खासियत है कि इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है. 20 हजार में 25-30 चूजों की यूनिट शुरू कर दी जाए, तो 4-5 महीने में ये मुर्गे बाजार के हिसाब से अच्छी कीमत पर बिकने लगते हैं. अगर शुरुआत में 25 चूजे भी ले लिए जाएं और हर मुर्गे का वजन 2 किलो तक पहुंच जाए, तो कमाई आसानी से हजारों में होती है. जैसे-जैसे मुर्गों की संख्या बढ़ाई जाए, मुनाफा भी बढ़ता जाता है. यही वजह है कि आज कई युवा इसे साइड बिज़नेस या फुलटाइम व्यवसाय बना चुके हैं.