सरकार की बड़ी योजना… सिर्फ 150 रुपये में गाय की नस्ल सुधरेगी, दूध बढ़ेगा और बच्चा होगा ज्यादा तगड़ा

Kratrim Garbhadhan: सर्दियों का समय पशुपालकों के लिए बड़ा फायदेमंद माना जाता है. इस मौसम में गाय-भैंस आसानी से गर्भधारण करती हैं और बेहतर नस्ल के बच्चे जन्म ले सकते हैं. कम खर्च में उन्नत सीमन उपलब्ध है, जिसे घर बैठे इस्तेमाल कराया जा सकता है. इससे दूध उत्पादन भी बढ़ता है और पशु मजबूत रहते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 4 Dec, 2025 | 02:33 PM

Artificial Insemination : ठंड का मौसम पशुओं में गर्भाधान के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. जब सर्द हवाओं के बीच खेतों में हरियाली लहराती है, उसी समय पशुओं का शरीर भी प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण के लिए अधिक सक्रिय होता है. यही वजह है कि यह मौसम गाय-भैंस की ब्रीडिंग के लिए सबसे सही माना जाता है. किसान अगर इस मौके को समझ लें, तो सिर्फ 150 रुपये खर्च करके अपनी गाय की नस्ल सुधार सकते हैं, दूध उत्पादन बढ़ा सकते हैं और अगली पीढ़ी के लिए एक मजबूत, स्वस्थ बच्चा भी पा सकते हैं. मध्य प्रदेश सरकार पशुपालकों को बेहतर नस्ल के तगड़े बछड़े-बछिया हासिल करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान का कम खर्च में शानदार मौका लाई है.

सर्दियों में गर्भधारण के बढ़ जाते हैं मौके

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ठंड का मौसम पशुओं  (Cold Weather Animals) के गर्भधारण के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है. इस समय मादा पशु स्वाभाविक रूप से ज्यादा हीट में आती है, जिससे प्रेग्नेंसी के मौके बढ़ जाते हैं. अगर किसान इस समय सही नस्ल के सांड का चुनाव करें या अच्छी क्वालिटी का सीमन  इस्तेमाल करें, तो अगली पीढ़ी की नस्ल (Cattle Breed) बहुत बेहतर बन सकती है. सर्दियों में गर्भ ठहरने का एक बड़ा फायदा यह है कि डिलीवरी सामान्यत अगस्त-सितंबर में होती है. उस समय खेतों में हरा चारा भरपूर होता है. हरा चारा मिलने से जच्चा-बच्चा दोनों की सेहत मजबूत रहती है और डिलीवरी के बाद होने वाली कमजोरी लगभग न के बराबर होती है. इससे मृत्यु दर भी काफी कम होती है.

उन्नत नस्ल से ब्रीडिंग क्यों जरूरी?

पशुपालन से कमाई बढ़ाने का सबसे बड़ा तरीका है-उन्नत नस्ल. अगर गाय या भैंस की ब्रीडिंग किसी अच्छे सांड या बेहतर सीमन से कराई जाए, तो अगली पीढ़ी का बच्चा ज्यादा दूध देने वाला, मजबूत और कम बीमार पड़ने वाला होता है. कई पशु पालक अच्छे स्तर का सेक्स-सॉर्टेड सीमन खरीदने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह महंगा पड़ेगा. लेकिन सरकारी पशु चिकित्सालयों  में यह सुविधा सब्सिडी पर उपलब्ध है. मतलब-कम लागत में बेहद अच्छी क्वालिटी का सीमन मिल सकता है, जिससे नस्ल सुधार तेजी से होता है.

घर बैठे मिलेगी सेवा, खर्च सिर्फ 150 रुपये

सबसे बड़ी राहत यह है कि पशुपालक  को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती. मध्यप्रदेश सरकार की ओर से जारी टोल-फ्री नंबर (1962) पर कॉल करके किसान अपने घर पर ही कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा ले सकते हैं. टेक्नीशियन सीधे खेत या घर पर पहुंचकर पूरी प्रक्रिया करते हैं-ब्रीडिंग, सीमन उपयोग और जरूरत पड़ने पर आगे की निगरानी भी. पूरी सेवा का खर्च सिर्फ 150 रुपये आता है. इतने कम पैसों में नस्ल सुधार का यह मौका किसानों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है.

दूध उत्पादन बढ़ाने में सबसे कारगर तरीका

कृत्रिम गर्भाधान  (AI) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक ही गाय या भैंस से अगली बार ज्यादा दूध (Cow Milk Production) मिल सकता है. उदाहरण के लिए-अगर कोई पशु अभी 6 से 10 लीटर दूध देता है, तो बेहतर सीमन का उपयोग करके अगली बार वही पशु कहीं अधिक दूध दे सकता है. सर्दियों में की गई ब्रीडिंग से पशु कम बीमार  पड़ता है, शरीर मजबूत रहता है और बच्चा भी पूरी तरह स्वस्थ पैदा होता है. इससे खेती-पशुपालन दोनों में आय बढ़ती है और अतिरिक्त खर्च भी कम हो जाता है.

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