Fishermen Arrested: भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों के विवाद का मामला एक बार फिर ताजा हो गया है. श्रीलंका के डेल्फ्ट सागर किनारे श्रीलंकाई नौसेना ने 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके साथ उनकी मछली पकड़ने वाली नाव भी जब्त कर ली गई है. इस घटना से भारत-श्रीलंका संबंधों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
क्या है मामला?
श्रीलंकाई नौसेना के अनुसार, 28 सितंबर 2025 की तड़के जाफना के डेल्फ्ट द्वीप के पास इन मछुआरों को श्रीलंका के जलक्षेत्र में अवैध शिकार करते हुए पकड़ा गया. नौसेना ने बताया कि सभी मछुआरे अवैध तरीके से श्रीलंका की समुद्री सीमा में प्रवेश कर रहे थे. जब्त की गई नाव को कंकसांथुरेई बंदरगाह पर ले जाया गया और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें मैलाडी के मत्स्य निरीक्षक को सौंप दिया गया.
गिरफ्तार मछुआरों की जानकारी
गिरफ्तार किए गए 12 मछुआरों में से 10 कराईकल जिले के हैं, जबकि एक नागपट्टिनम और एक मयिलादुथुराई का रहने वाला है. नाव कराईकल जिले के कोट्टुचेरी मेदु गांव के 44 वर्षीय टी. सेल्वम की है. जानकारी के अनुसार, ये मछुआरे गुरुवार तड़के कराईकल मछली बंदरगाह से रवाना हुए थे और शनिवार रात को कोडियाकराई (प्वाइंट कैलिमेरे) के दक्षिण में अन्य नावों के साथ मछली पकड़ रहे थे. रविवार तड़के लगभग 2:40 बजे श्रीलंकाई नौसेना ने इन्हें पकड़ लिया.
लंबे समय से जारी विवाद
भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. कई बार भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना की ओर से गोलीबारी की घटनाएं भी सामने आई हैं. जलक्षेत्र में कथित अवैध प्रवेश के आरोप में भारतीय नावें समय-समय पर जब्त की जाती रही हैं. इस मामले ने दोनों देशों के बीच मछुआरों की सुरक्षा और समुद्री सीमा पर नियंत्रण को लेकर लंबे समय से तनाव बनाए रखा है.
विशेषज्ञों का नजरिया
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ सकता है और दोनों देशों को साझा समाधान खोजने की आवश्यकता है. कई मछुआरे यह तर्क भी देते रहे हैं कि समुद्री सीमाओं की अस्पष्टता और रोजमर्रा की आजीविका के कारण उनकी नौकाएं गलती से पड़ोसी जलक्षेत्र में चली जाती हैं.
इस घटना के बाद भारत की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि मछुआरों और उनके परिवारों में चिंता का माहौल है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी निगरानी, स्पष्ट समुद्री सीमाओं और दोनों देशों के बीच नियमित संवाद की जरूरत है.